Trump Protest USA : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार दुनिया के विभिन्न देशों के बीच युद्ध समाप्त करते हुए अपने आप को शांति नोबेल पुरस्कार के हकदार बता रहे हैं। दूसरी तरफ उनके देश अमेरिका में ही उनका लगातार विरोध किया जा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के विरोध में अमेरिका में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किये जा रहे हैं। हजारों लोग सड़कों पर उतर कर ट्रंप की नीतियों का विरोध कर रहे हैं। विरोध कर रहे लोगों के द्वारा ट्रंप को तानाशाह करार दिया जा रहा है। अमेरिका की सरकार और अमेरिका के राष्ट्रपति की नीतियों का लगातार कर रहे विरोध प्रदर्शन के आंदोलन को पूर्व सांसद जॉन लुइस को समर्पित किया गया है।
जॉन लुइस का निधन लगभग 80 साल की उम्र में 2020 में कैंसर के कारण हो गया था। मानव अधिकार आंदोलन का नेतृत्व करने वाले जॉन लुइस अमेरिका के बड़े 6नेताओं में से एक माने जाते रहे। अमेरिका में वर्तमान सरकार और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कार्यशैली को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी विरोध प्रकट कर चुके हैं। बराक ओबामा के द्वारा यह कहा गया था कि अमेरिका में लोकतांत्रिक कानून का उल्लंघन किया जा रहा है और अमेरिका लगातार तानाशाही की तरफ बढ़ रहा है। उन्होंने युवाओं से आगे आने की भी अपील की थी।
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शिकागो रहा विरोध प्रदर्शन का केंद्र
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ अमेरिका में विरोध प्रदर्शन कई जगह देखने को मिले लेकिन इन विरोध प्रदर्शन का मुख्य केंद्र शिकागो रहा है। लगातार अमेरिकी सरकार के द्वारा अप्रवासियों के डिपोर्ट करने के निर्णय तथा गरीबों के लिए मेडिकल में मिल रही सुविधाओं को कम करने के कारण विरोध प्रदर्शन किये जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि अमेरिका में कुल 1600 से भी ज्यादा जगह पर भीड़ द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा हैं। दिवंगत सांसद जॉन लुइस को इस प्रदर्शन को समर्पित किया जा रहा है। उनको समर्पित इस आंदोलन का नाम ‘गुड ट्रबल लाइव्स ऑन’ रखा गया है। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे नेतृत्वकर्ताओं के द्वारा लगातार भीड़ से प्रदर्शन को शांतिपूर्वक करने की अपील की जा रही है।
इतिहास की सबसे डरावने दौर से गुजर रहा अमेरिका
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के खिलाफ कर रहे प्रदर्शन में पब्लिक सिटीजन ग्रुप के द्वारा अहम भूमिका निभाई जा रही है। पब्लिक सिटीजन ग्रुप के उपाध्यक्ष का कहना है की वर्तमान में अमेरिका इतिहास के सबसे डरावने दौर से गुजर रहा है। लगातार अमेरिका सरकार के द्वारा कानून के उल्लंघन करने की शिकायत आ रही है। सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है। अमेरिका में लोकतांत्रिक व्यवस्था होने के बावजूद लोग तांत्रिक आजादी और अधिकारों को सरकार के द्वारा चुनौती दी जा रही है। पब्लिक सिटीजन ग्रुप के द्वारा इस विरोध प्रदर्शन को लीड किया जा रहा है। यह एक नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है जो कि बड़े कॉर्पोरेट घरानो के खिलाफ लगातार काम करता आया है। आने वाले समय में हो रहे विरोध प्रदर्शन को और तेज करने की संभावना जताई जा रही है।

जॉन लुइस को समर्पित विरोध प्रदर्शन
अमेरिका की सरकार और अमेरिका के राष्ट्रपति की नीतियों का लगातार कर रहे विरोध प्रदर्शन के आंदोलन को पूर्व सांसद जॉन लुइस को समर्पित किया गया है। जॉन लुइस का निधन लगभग 80 साल की उम्र में 2020 में कैंसर के कारण हो गया था। मानव अधिकार आंदोलन का नेतृत्व करने वाले जॉन लुइस अमेरिका के बड़े 6नेताओं में से एक माने जाते रहे। 1965 में उनके द्वारा किया गया ‘ब्लडी सन्डे’ मार्च काफी चर्चा में रहा था। लगभग 600 लोग वोटिंग अधिकारों के लिए एडमंड ब्रिज पर मार्च कर रहे थे। इसी दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस के द्वारा हमला किया गया जिसमें दिवंगत सांसद लुईस के सिर में काफी गहरी चोट पहुंची थी। इसी घटना के कारण बाद में अमेरिका में वोटिंग राइट एक्ट 1965 पारित किया गया था।
पूर्व राष्ट्रपति जता चुके विरोध
अमेरिका में वर्तमान सरकार और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कार्यशैली को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी विरोध प्रकट कर चुके हैं। बराक ओबामा के द्वारा यह कहा गया था कि अमेरिका में लोकतांत्रिक कानून का उल्लंघन किया जा रहा है और अमेरिका लगातार तानाशाही की तरफ बढ़ रहा है। उन्होंने युवाओं से आगे आने की भी अपील की थी। बराक ओबामा का मानना है कि लगातार राजकीय संस्थानों पर दबाव बनाते हुए लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन किया जा रहा है।
अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा पूर्व के राष्ट्रपति चुनाव में धांधली के आरोप लगाने पर उन्होंने कहा था कि यदि आप जीते तो धांधली नहीं होती है और दूसरा जीते तो चुनाव में धांधली नजर आती है। इसके अतिरिक्त बराक ओबामा ने अमेरिका की वर्तमान सरकार को लेकर विभिन्न विरोध प्रकट किए थे। अमेरिका में लंबे समय से ऐसा देखा जाता रहा है जब वर्तमान सरकार के खिलाफ बड़े स्तर पर प्रदर्शन किए गए हो। एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी सरकार की नीतियों के खिलाफ लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आने वाले समय में इस विरोध प्रदर्शन में और तेजी दिखाई दे सकती है।