Trump Ukraine statement: ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर बड़ा बयान दिया, यूक्रेन की मदद और भारत-रूस व्यापार पर भी उठाए महत्वपूर्ण सवाल।

नाटो और यूरोप की मदद से यूक्रेन रूस से खाली कराएगा कब्जा : ट्रंप

Trump Ukraine statement : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अब उन्हें यह विश्वास हो गया है कि यूक्रेन यूरोप तथा नाटो की मदद से रूस के साथ मुकाबला कर सकता है। अब रूस के द्वारा कब्जा किया हुआ क्षेत्र यूक्रेन के द्वारा वापस प्राप्त किया जा सकता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा यह बयान संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान दिया गया। अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा यूक्रेन के राष्ट्रपति से मुलाकात करने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर एक पोस्ट की। उन्होंने लिखा कि धैर्य समय यूरोप और नाटो की आर्थिक मदद के द्वारा यूक्रेन के द्वारा अपनी पुरानी सीमा वापस प्राप्त की जा सकती है। अगर रूसी विमान नाटो देशों के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ करते हुए दिखाई दे तो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें मार गिराने की भी अपील की।

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रूस की छवि हो रही खराब ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस पर बयान देते हुए कहा कि रूस की अर्थव्यवस्था लगातार खराब होती जा रही है। साढे तीन साल से चल रहे रूस यूक्रेन युद्ध के कारण रूस की छवि खराब हो रही है। यूक्रेन की सेना के द्वारा रूस की बड़ी सेना को रोकने में अच्छा कार्य किया जा रहा है। यह जंग जल्दी ही खत्म हो जानी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यूक्रेन के राष्ट्रपति के द्वारा सुरक्षा परिषद की बैठक में अमेरिका से रूस पर दबाव बढ़ाने की मांग की गई। साथ ही डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा दिए गए बयान पर यूक्रेन के राष्ट्रपति के द्वारा खुशी जताई गई। उन्होंने यूक्रेन की सीमा प्राप्त करने वाले बयान को गेम चेंजर करार दिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा यह बयान ऐसे समय पर दिया गया है जब खुद ट्रंप ने कुछ समय पहले रूस यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए कुछ इलाकों की अदला-बदली को लेकर संकेत दिए थे। जिस पर यूक्रेन के द्वारा सहमति नहीं जताई गई थी लेकिन अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तेवर बदले हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने यूक्रेन से रूस के द्वारा कब्जा किए गए क्षेत्र को वापस प्राप्त किए जाने की बात कही है।

ट्रंप ने फिर लगाया भारत पर रूस से व्यापार को लेकर आरोप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए एक बार फिर रूस के साथ व्यापार करने को लेकर भारत पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के द्वारा रूस के साथ तेल व्यापार किया जा रहा है जिससे रूस को आर्थिक मदद प्राप्त हो रही है। उन्होंने नाटो देशों से रूस से तेल और गैस से खरीद को पूरी तरह से बंद करने की अपील की। ट्रंप का मानना है कि नाटो देशों के द्वारा तेल गैस की खरीद करने से युद्ध को फंडिंग प्राप्त हो रही है। किसी के द्वारा भी यह नहीं सुना गया है कि आप दुश्मन से तेल और गैस खरीद कर उसकी मदद प्रदान करें। नाटो देशों के द्वारा भी अभी तक रूस की ऊर्जा पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई गई है। ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन पर सवाल खड़े करते हुए कहा की मॉस्को अब सिर्फ कागजी शेर बन गया है। एक खराब नेतृत्व के कारण कोई देश कैसे कमजोर हो सकता है। यह इस लड़ाई से स्पष्ट हो रहा है। इसी के साथ डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी कि यदि रूस समझौते के लिए तैयार नहीं होता है तो अमेरिका के द्वारा आने वाले समय में और भी ज्यादा टैरिफ लगाया जाएगा।

रूस के राष्ट्रपति पुतिन के द्वारा परमाणु हथियार संधि को लेकर बड़ा बयान दिया गया है। उन्होंने अमेरिका से परमाणु हथियार संधि के कार्यकाल को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया है। अमेरिका और रूस के बीच परमाणु हथियार संधि अगले साल फरवरी में खत्म हो जाएगी। इसे लेकर ही रूस के राष्ट्रपति के द्वारा यह बात कही गई है। रूस और अमेरिका के परमाणु हथियारों को कंट्रोल करने वाली संधि न्यू स्टार्ट का कार्यकाल 5 फरवरी 2026 को खत्म होने जा रहा है। जिसे 1 साल बढ़ाने की पेशकश पुतिन के द्वारा की गई है।

Trump Ukraine statement: ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर बड़ा बयान दिया, यूक्रेन की मदद और भारत-रूस व्यापार पर भी उठाए महत्वपूर्ण सवाल।
Trump Ukraine statement: ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर बड़ा बयान दिया, यूक्रेन की मदद और भारत-रूस व्यापार पर भी उठाए महत्वपूर्ण सवाल।कमजोरी दिखाने पर कैरियर हो जाएगा खत्म पुतिन

रूस और अमेरिका के पास सर्वाधिक परमाणु हथियार

रूस और अमेरिका दोनों ही विश्व में सबसे ताकतवर परमाणु हथियार संपन्न देश हैं। दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत रूस और अमेरिका 1550 परमाणु हथियारों तक सीमित है। इस संधि के कारण दोनों देशों के द्वारा परमाणु हथियारों की संख्या को नहीं बढ़ाया जा सकता लेकिन यदि परमाणु हथियार संधि को आगे नहीं बढ़ाया गया तो रूस और अमेरिका दोनों के द्वारा ही परमाणु हथियारों की संख्या में वृद्धि की जा सकती है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि दुनिया में वर्तमान में चल रही हथियारों की दौड़ को रोकने तथा शांति स्थापित करने के लिए यह प्रस्ताव पेश किया गया है। रूस की सुरक्षा परिषद की बैठक में रूस के राष्ट्रपति पुतिन के द्वारा बयान दिया गया। उन्होंने कहा कि संधि की शर्तों का पालन 1 साल तक किया जा सकता है लेकिन ऐसा करने के लिए अमेरिका को भी इसका पालन करना होगा।

रूस रखेगा अमेरिका के रक्षा क्षेत्र पर नजर

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने दोनों देशों के बीच हथियार संधि को आगे बढ़ाने की प्रस्ताव के साथ-साथ ऐसा होने पर अमेरिका के परमाणु हथियार तथा मिसाइल डिफेंस योजनाओं पर रूस के द्वारा नजर रखे जाने की भी बात कही है। अमेरिका के द्वारा मिसाइल डिफेंस को आगे बढ़ाने या अंतरिक्ष में हथियार तैनात करने की स्थिति में रूस के द्वारा भी करारा जवाब दिया जाएगा और उसके राष्ट्रपति के द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर अभी तक अमेरिका के द्वारा कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से दोनों देशों में लगातार तनाव बना हुआ है। इसीलिए इस संधि पर अभी तक बातचीत शुरू नहीं हो पाई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कोशिश थी कि इस संधि में रूस के साथ-साथ चीन को भी शामिल किया जाए लेकिन चीन के द्वारा इससे स्पष्ट मना कर दिया गया है।

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