Turkey Kashmir Issue : संयुक्त राष्ट्र महासभा में तुर्किये के द्वारा कश्मीर के मुद्दे को उठाए जाने के बाद भारत सरकार के द्वारा भी जैसे को तैसा के रूप में जवाब दिया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में तुर्किये के द्वारा कश्मीर का समाधान करने की मांग की गई थी। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के द्वारा हाल ही में साइप्रस की विदेश मंत्री से भी बातचीत की गई थी। इस दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र नियमों के मुताबिक साइप्रस विवाद को खत्म करने की मांग की थी। इसके बाद एक बार फिर भारतीय विदेश में मंत्रालय के प्रवक्ता के द्वारा भी इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। उन्होंने कहा कि लंबे समय से साइप्रस के उत्तरी हिस्से पर कब्जे को लेकर विवाद बना हुआ है। इसका समाधान नियमों के तहत किया जाना चाहिए।
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लंबे समय से भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव में तुर्किये के द्वारा पाकिस्तान को खुले तौर पर समर्थन किया जाता है। तुर्किये के राष्ट्रपति के द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी इसकी झलक दिखाई दी। तुर्किये के राष्ट्रपति के द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में भाग लिया गया। इस दौरान उन्होंने जम्मू कश्मीर के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे को खत्म करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि अप्रैल में भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय तक तनाव बना रहने के बाद संघर्ष विराम हुआ। कश्मीर में हमारे बहन और भाइयों की सुरक्षा के लिए इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मदद से हल करना आवश्यक है।
2019 से लगातार कर रहा तुर्किये वकालत
कश्मीर मुद्दे को लेकर यह पहली बार नहीं है जब तुर्किये के द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसका जिक्र किया गया हो। 2019 के बाद से लगातार उसके द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का जिक्र किया गया है। सिर्फ 2024 में उसके द्वारा यह जिक्र नहीं किया गया था। ऐसा करते हुए पाकिस्तान के प्रति अपना समर्थन दिखाना चाहता है जबकि भारत के द्वारा यह बार-बार स्पष्ट कर दिया गया है कि जम्मू कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और वह इस मामले में किसी भी दूसरे देश की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव संघर्ष में बदल जाने के बाद तुर्किये के राष्ट्रपति के द्वारा खुलेआम पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से बातचीत करते हुए पाकिस्तान को समर्थन दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा था कि कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए वह हर संभव कोशिश करेंगे।
दूसरे देश को कश्मीर पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं : भारत
संयुक्त राष्ट्र महासभा में तुर्किये के राष्ट्रपति के द्वारा कश्मीर मुद्दे को लेकर की गई। चर्चा पर भारत के द्वारा आपत्ति जताई गई है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और किसी भी दूसरे देश को इस मुद्दे पर चर्चा करने का कोई अधिकार नहीं है। किसी दूसरे देश के आंतरिक मामलों पर चर्चा करने से अच्छा होता सीमा के पार लगातार बढ़ रहे आतंकवाद को रोकने पर चर्चा की जाती। जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद बना हुआ है।
पाकिस्तान के द्वारा भारत पर लगाए जा रहे विभिन्न आरोपों को लेकर भारत के द्वारा संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में इस मुद्दे को उठाया गया। भारत की तरफ से भारतीय राजदूत ने पाकिस्तान पर सवाल खड़े किये। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के द्वारा खुद अपनी जनता पर हवाई हमले किए जा रहे हैं जबकि वह लगातार भारत पर झूठे आरोप लगा रहा है। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत की जमीन पर कब्जा छोड़ो तथा मानवाधिकार और राजनीति तथा अर्थव्यवस्था में सुधार पर ध्यान देना चाहिए। अपने ही लोगों पर बम बारिश करने में व्यस्त नहीं रहना चाहिए तथा आतंकवाद को रोकने की कोशिश की जानी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत की तरफ से यह बयान ऐसे समय पर दिया गया है जब पाकिस्तान के द्वारा अपनी ही देश में की गई एयर स्ट्राइक में पाकिस्तानी नागरिकों की बड़े स्तर पर मौत हुई थी। पाकिस्तान की सेना के द्वारा की गई इस एयर स्ट्राइक में 30 से अधिक पाकिस्तानी नागरिक मारे गए थे।

दुनिया में 7 जंग मैंने खत्म कराई ट्रंप
संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे तनाव को खत्म करने की जिम्मेदारी संयुक्त राष्ट्र की थी लेकिन विभिन्न क्षेत्रों में 7 जंग मेरे द्वारा खत्म कराई गई। संयुक्त राष्ट्र महासभा में डोनाल्ड ट्रंप के लिए 15 मिनट का संबोधन तय था लेकिन उन्होंने 56 मिनट तक भाषण दिया। इससे पहले उन्होंने भारत-पाकिस्तान तथा ईरान इजरायल संघर्ष समेत दुनिया के अलग-अलग क्षेत्र में 11 युद्ध रोकने में अपनी भूमिका बताई थी।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान युद्ध को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा की गई कोशिश से दुनिया के अब तक 11 युद्ध समाप्त किया जा चुके हैं जिसमें भारत और पाकिस्तान के साथ-साथ ईरान इजरायल संघर्ष भी शामिल है। यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा इस तरह का बयान दिया गया हो। इससे पहले भी वह बार-बार भारत पाकिस्तान युद्ध को रोकने में अपनी भूमिका को दोहराते रहे हैं। हालांकि भारत के द्वारा डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को स्वीकार नहीं किया जा रहा है लेकिन पाकिस्तान भी डोनाल्ड ट्रंप के बयान का समर्थन करता हुआ नजर आता है।