Ukraine Russia War : लंबे समय से चल रहे रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच यूक्रेन के द्वारा भारत पर बड़ा आरोप लगाया गया है। यूक्रेन का कहना है कि रूस के द्वारा किए जा रहे हमले में जिन ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है उन ड्रोन में भारतीय पुर्जे मिले हैं। यूक्रेन यह मांग केर रहा है क़ि विदेश से हो रहे पुर्जो की आपूर्ति को तुरंत प्रभाव से रोकना चाहिए। यूक्रेन के लोगों की जान लेने में इनका इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। यूक्रेन की तरफ से रूस के ड्रोन में भारतीय पुर्जे होने की बात यूक्रेन के राष्ट्रपति जलेन्स्की के चीफ ऑफ स्टाफ के द्वारा कही गई।
रूस लगातार कर रहा यूक्रेन पर ड्रोन हमले
रूस और यूक्रेन का युद्ध 2022 से लगातार जारी है। दोनों ही देश के द्वारा एक दूसरे पर हमले किए जा रहे हैं। रूस बड़ी मात्रा में यूक्रेन पर ड्रोन के माध्यम से हमला कर रहा है। बताया जा रहा है कि जुलाई के महीने में ही रूस के द्वारा यूक्रेन पर 6000 से भी ज्यादा ड्रोन के द्वारा हमले किए गए थे। दोनों देशों के बीच चल रही तनातनी के कारण भारत पर भी इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा रूस के साथ व्यापार करने के कारण भारत पर बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाने की घोषणा की गई है जबकि भारत पर जुर्माना लगाने का भी ऐलान ट्रंप के द्वारा किया गया।
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लंबे समय से चल रहे रूस और यूक्रेन के युद्ध में अब नया मोड़ देखने को मिल रहा है। लगातार हमलो की तीव्रता में वृद्धि हो रही है। मिसाइल ड्रोन तथा दूसरे हथियारों से किए जाने वाले हमलो को रोकना अब काफी मुश्किल हो रहा है। पारंपरिक डिफेंस सिस्टम इन हमलो को रोकने में सफल नहीं हो पा रहे हैं। रूस के द्वारा जुलाई के महीने में लगभग 1800 से ज्यादा ड्रोन छोड़े गए। ऐसे में यूक्रेन के द्वारा ही रूस से लड़ने को लेकर अपनी रणनीति में बदलाव किया गया है। बताया जा रहा है कि यूक्रेन अब रोजाना बड़ी मात्रा में ड्रोन का निर्माण करेगा। मिल रही खबर के मुताबिक यूक्रेन रोजाना 1000 इंटरसेप्टर ड्रोन का निर्माण करेगा। जिससे रूस से चल रही जंग में मुकाबला किया जा सके।
दुश्मन ड्रोन को खत्म करने में सक्षम इंटरसेप्टर ड्रोन
यूक्रेन के द्वारा बड़ी मात्रा में इंटरसेप्टर ड्रोन का निर्माण करने की घोषणा की गई है। इंटरसेप्टर ड्रोन अपने आप में खास होते हैं। यह दुश्मन ड्रोन से टकराकर उसे हवा में ही खत्म करने की क्षमता रखते हैं। लगभग 300 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से यह उड़ान भर सकते हैं। इंटरसेप्टर ड्रोन लगभग 5 किलोमीटर ऊंचाई पर उड़ने में सक्षम होते हैं। इन ड्रोन के द्वारा दुश्मन के द्वारा दागे गए ड्रोन से टकराकर विस्फोट के जरिए उन्हें नष्ट कर दिया जाता है। रूस के द्वारा बड़ी मात्रा में यूक्रेन पर ड्रोन के द्वारा हमले किए जा रहे हैं। जिसके बाद यूक्रेन के द्वारा इस रणनीति पर कार्य किया जा रहा है कि रूस से आने वाले ड्रोन को हवा में ही खत्म कर दिया जाए। यूक्रेन के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इंटरसेप्टर ड्रोन की सफलता दर भी काफी अच्छी पाई गई है। लगभग 70 फीसदी सफलता दर होने के कारण यूक्रेन के द्वारा इन्हें कारगर साबित होने का दावा किया जा रहा है।

रूस के हमले से होगा बचाव
इंटरसेप्टर ड्रोन के द्वारा दुश्मन के द्वारा किए जाने वाले हमले को पूरी तरह से तो विफल नहीं किया जा सकता लेकिन इन ड्रोन के माध्यम से हमले की भीषणता को कम किया जा सकता है। दुश्मन देश के द्वारा छोड़े जाने वाले ड्रोन का मुकाबला करते हुए लगभग आधे से ज्यादा हमलो को इन इंटरसेप्टर ड्रोन के माध्यम से विफल किया जा सकता है। लगातार लंबे समय से चल रहे रूस और यूक्रेन के युद्ध में यूक्रेन का मौजूदा एयर डिफेंस सिस्टम इतना प्रभावित नहीं दिखाई दे रहा है। पारंपरिक सिस्टम पर यह एयर डिफेंस सिस्टम काफी प्रभावित नजर आ रहा था। लेकिन तेज गति में ऊंचाई से आने वाले ड्रोन के द्वारा यूक्रेन के मौजूदा एयर डिफेंस सिस्टम को चुनौती मिल रही है। इसी कारण यूक्रेन के द्वारा इंटरसेप्टर ड्रोन के निर्माण करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। यूक्रेन महंगे विकल्प की जगह सस्ते विकल्प पर कार्य करते हुए रूस से युद्ध लड़ने की कोशिश कर रहा है।
अमेरिका से मिलेगा नया डिफेंस सिस्टम
लंबे समय से चल रहे रूस और यूक्रेन के युद्ध में अमेरिका के द्वारा यूक्रेन को एक बार फिर हथियार सप्लाई करने की घोषणा कर दी गई है। अमेरिका यूक्रेन को हथियार सप्लाई नाटो के माध्यम से करेगा। अमेरिका के द्वारा किए जाने वाले हथियार सप्लाई का 100% भुगतान नाटो के द्वारा किया जाएगा। लंबे समय से यूक्रेन के द्वारा अमेरिका से नए एयर डिफेंस सिस्टम की मांग की जा रही थी। ऐसे में अमेरिका के द्वारा जल्द ही यूक्रेन को एयर डिफेंस सिस्टम प्रदान किए जाने की संभावना जताई जा रही है। अमेरिका लगातार रूस पर इस जंग को खत्म करने को लेकर दबाव बना रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा रूस को युद्ध खत्म करने के लिए 50 दिन की समय सीमा दी गई थी। ऐसे में आने वाले समय में रूस और यूक्रेन के युद्ध को लेकर अमेरिका के साथ-साथ दूसरे देशों के साथ रूस का तनाव और अधिक ऊंचाई तक पहुंच सकता है।
2022 से चल रहा युद्ध
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को शुरू हुए कई वर्ष हो गए हैं। इसके बाद भी दोनों ही देश पीछे हटने को तैयार नहीं है। रूस के द्वारा फरवरी 2022 में यूक्रेन की सीमा में घुसकर हमला किया गया था। इसके बाद से लगातार दोनों देश एक दूसरे पर आक्रमण कर रहे हैं। यूक्रेन का आरोप है कि रूस के द्वारा उसके क्षेत्र में लगातार कब्जा किया जा रहा है। ukrain दुनिया के दूसरे देशों से सुरक्षा गारंटी की मांग करते हुए युद्ध को खत्म करने की अपील कर रहा है। आने वाले समय में रूस पर दुनिया के दूसरे देशों के द्वारा बन रहे दबाव के कारण यह जंग निर्णायक स्थिति में पहुंच सकती है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस के राष्ट्रपति पुतिन को लेकर अब सख्त दिखाई दे रहे हैं। कुछ दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति ने पुतिन को लेकर बयान दिया था कि वह दिन में मीठी-मीठी बात करते हैं लेकिन रात में यूक्रेन पर हमला किया जाता है। उस पर अब भरोसा नहीं किया जा सकता। यदि जल्द ही रूस के द्वारा इस जंग को खत्म नहीं किया गया तो रूस पर सेकेंडरी प्रतिबंध लगाए जाएंगे। सेकेंडरी प्रतिबंध के मुताबिक रूस के साथ-साथ रूस से व्यापार करने वाले दूसरे देशों पर भी इसका असर दिखाई देगा।