US China Tariff : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा कुछ समय पहले भारत पर रूस के साथ व्यापार करने को लेकर अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा की गई थी लेकिन ट्रंप को अपने ही देश में भारत के ऊपर लगाए गए टैरिफ के कारण विरोध का सामना करना पड़ा है। अमेरिका के विदेश मंत्री के द्वारा चीन पर पाबंदी नहीं लगाने को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि चीन के द्वारा बड़े स्तर पर रूस से तेल खरीद कर वापस ग्लोबल मार्केट में बेचा जा रहा है। अमेरिका के द्वारा चीन पर अब तक इसलिए कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। इसी के साथ उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि अमेरिका के द्वारा चीन पर पाबंदी लगाई गई तो दुनिया में तेल की कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है। चीन के द्वारा बड़े स्तर पर तेल को रिफाइन करके वापस यूरोप में बेचने का कार्य किया जा रहा है। प्राकृतिक गैस की खरीदारी भी यूरोप के द्वारा रूस से की जा रही है और यह देश चीन पर लगने वाले प्रतिबंधों को लेकर लगातार चिंतित नजर आ रहे हैं।
यूरोपीय देशों ने जताई चीन को लेकर चिंता
चीन पर प्रतिबंधों को लेकर बयान देते हुए अमेरिका के विदेश मंत्री ने कहा कि यदि चीन पर प्रतिबंध लगाया गया तो इसका विपरीत असर देखने को मिल सकता है। यूरोपीय देश लंबे समय से रूस का तेल चीन के माध्यम से खरीद रहे हैं। इसीलिए इन देशों के द्वारा चीन पर प्रतिबंधों को लेकर चिंता व्यक्त की गई थी। अमेरिका की सीनेट में भारत और चीन पर 100% टैरिफ का प्रस्ताव लाया गया था लेकिन यूरोप के देशों के द्वारा जताई गई चिंता के कारण चीन पर प्रतिबंध नहीं लगाए गए। जब अमेरिका के विदेश मंत्री से रूस के साथ व्यापार करने को लेकर यूरोप के देशों पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई तो उन्होंने कहा है कि यूरोप पर सीधे तौर पर प्रतिबंध लगाने की बात मैं नहीं कर सकता लेकिन यह जरूर है कि इन देशों पर सेकेंडरी प्रतिबंधों का असर दिखाई देगा।
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा पहले ही भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाते हुए कुल 50% टैरिफ की घोषणा की जा चुकी है। अमेरिका ने भारत पर रूस के साथ व्यापार करने का आरोप लगाया था। अब एक बार फिर अमेरिका के वित्त मंत्री ने भारत पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि यदि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच होने वाली मुलाकात सफल नहीं होती है तो आने वाले समय में भारत पर और भी ज्यादा टैरिफ लगाया जाएगा। भारत पर लगाए जाने वाले टैरिफ की मात्रा अलास्का में होने वाली पुतिन और ट्रंप की मुलाकात के नतीजे पर निर्भर रहेगा। ट्रंप और पुतिन की मुलाकात 15 अगस्त को अलास्का में होने वाली है।
भारत के अडियल रूप से नहीं हो पाई डील -अमेरिका
अमेरिका के विदेश मंत्री ने भारत पर आरोप लगाया कि अमेरिका के साथ चल रही भारत की ट्रेड डील को लेकर बातचीत में भारत के द्वारा रवैया ठीक नहीं अपनाया जा रहा है। भारत लगातार अपने अड़ियल रूप को दिखा रहा है। इसी कारण अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के साथ व्यापार तथा दुसरे मतभेदों के कारण चर्चा को आगे बढ़ाने से मना कर दिया था। भारत और अमेरिका के द्वारा कुल 50% टैरिफ की घोषणा की जा चुकी है। इसमें 25% टैरिफ इंपोर्ट पर है जबकि 25% टैरिफ रूस के साथ व्यापार करने के कारण अतिरिक्त रूप में लगाया गया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा लगातार भारत को लेकर कड़ा रुख अपनाया जा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर 50% टैरिफ का ऐलान कर चुके हैं। लगातार वह भारत के खिलाफ बयान बाजी करते हुए नजर आ रहे हैं। इसी बीच बड़ी खबर आ रही है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात कर सकते हैं। दोनों देशों के नेताओं के बीच अगली महीने यह मुलाकात हो सकती है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा में शामिल होने के लिए अमेरिका पहुंचेंगे। इस दौरान ट्रंप और मोदी की मुलाकात संभव है।

टैरिफ विवाद को सुलझाने की होगी कोशिश
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संभावित अमेरिका यात्रा सितंबर महीने में बताई जा रही है। सितंबर के अंतिम सप्ताह में मोदी अमेरिका का दौरा कर सकते हैं। लगातार भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर तनाव जारी है। ऐसे में यदि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका जाते हैं तो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ होने वाली मुलाकात में वह दोनों देशों के बीच चल रहे टैरिफ विवाद को खत्म करने की कोशिश करेंगे। भारत और अमेरिका के बीच अभी तक ट्रेड समझौता नहीं हुआ है। इसी दौरान डील का ऐलान भी किया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा अमेरिका दौरा किया जाएगा। इसी दौरान उनकी अमेरिका के राष्ट्रपति से मुलाकात हो सकती है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ को लेकर एक बार फिर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के द्वारा भारत पर बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाया गया है। यह रूस के लिए झटका है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहां की रूस से लंबे समय से तेल की खरीदारी करने वाले सबसे बड़े देश चीन और भारत पर अमेरिका के द्वारा बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाया गया है। यह रूस के लिए बड़ा झटका है। अमेरिका के द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण और रूस की अर्थव्यवस्था बड़े स्तर पर प्रभावित हुई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान ऐसे समय सामने आया है। जब कुछ दिन बाद ही डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात अब रूस के राष्ट्रपति पुतिन से होने वाली है।
कुछ दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ा बयान दिया गया था। उन्होंने भारत और रूस की अर्थव्यवस्था को डैड करार दिया था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत के खिलाफ बयान देते आ रहे हैं। रूस के साथ व्यापार करने से नाराज अमेरिका लगातार भारत के ऊपर बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाने की घोषणा कर चुका है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जवाब देते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाली है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह जवाब ऐसे समय पर आया है। जब कुछ दिन पहले ही भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा टिप्पणी की गई थी। इसके बाद लगातार भारत और अमेरिका के बीच तनाव देखने को मिल रहा है।