US-China Tariff पर अमेरिका ने डेडलाइन 9 नवंबर तक बढ़ाई। ट्रंप और शी जिनपिंग के रिश्तों के बीच 30% टैरिफ जारी, आगे के फैसले पर सबकी नजर।

चीन पर ज्यादा टैरिफ लगाना नुकसानदायक : अमेरिका

US China Tariff : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा लगातार दुनिया के विभिन्न देशों पर अलग-अलग मात्रा में टैरिफ लगाने की घोषणा की जा रही है। डोनाल्ड ट्रंप लगातार दुनिया के विभिन्न देशों पर दबाव डालते हुए समझौता करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अभी तक दुनिया के प्रमुख देशों के साथ अमेरिका का समझौता संभव नहीं हो पाया है। अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने टैरिफ के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि यदि चीन के ऊपर अमेरिका के द्वारा बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाया गया तो यह अमेरिका के लिए नुकसानदायक हो सकता है। एक न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में अमेरिका के उप राष्ट्रपति के द्वारा चीन को लेकर यह टिप्पणी की गई उन्होंने कहा कि अमेरिका के द्वारा चीन पर टैरिफ लगाने पर विचार किया जा रहा है लेकिन अभी चीन पर टैरिफ लगाने का फैसला फाइनल नहीं हुआ है।

फिलहाल चीन पर 30% टैरिफ

अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर तनातनी देखने को मिली थी। एक समय ऐसा आया था जब दोनों ही देशो के द्वारा एक दूसरे पर बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाने की घोषणा की गई थी। फिलहाल अमेरिका के द्वारा चीन पर 30% टैरिफ की घोषणा की गई थी। 12 अगस्त को 30% टैरिफ की समय सीमा खत्म हो जाएगी। इसके बाद अमेरिका के द्वारा चीन पर नया टैरिफ लागू किया जाएगा। अमेरिका और चीन के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर लगातार मतभेद सामने आते रहे हैं। अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने कहा कि चीन के साथ सिर्फ तेल के मुद्दे तक संबंध सीमित नहीं है बल्कि कई दूसरे मामले भी प्रभावित होते हैं। इसलिए चीन पर ज्यादा टैरिफ लगाना मुश्किल हो रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा लगातार इस पर सोच विचार किया जा रहा है जब उन्हें उचित लगेगा तो चीन पर टैरिफ को लेकर फैसला ले लिया जाएगा।

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टैरिफ को लेकर सबसे ज्यादा घमासान अमेरिका और चीन के बीच मचा हुआ है। अमेरिका के द्वारा शुरुआत में चीन पर 145% टैरिफ लगाया गया था जिसके बदले में चीन ने भी पलटवार करते हुए 125% टैरिफ का ऐलान किया था। चीन के रुख को देखते हुए अमेरिका झुकने पर मजबूर हुआ था। बाद में अमेरिका ने चीन पर 30% टैरिफ रखा जबकि चीन ने अमेरिका पर 10% टैरिफ का ऐलान किया। अमेरिका के द्वारा लगातार यह कोशिश की जा रही है कि चीन अपनी सरकारी कंपनियों को दी जा रही मदद में कमी लाये जिससे दूसरे देश की कंपनियां भी चीन की कंपनियों से मुकाबला कर पाए। चीन टेक्नोलॉजी में विदेशी कंपनियों को मौका मिल सके। इसके लिए अमेरिका के द्वारा कोशिश की जा रही है लेकिन चीन ने इसके ऊपर सहमति जताने से स्पष्ट तौर पर मना कर दिया है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार दुनिया के विभिन्न देशों पर बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाते हुए उन्हें डराने की कोशिश कर रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा दबाव बनाने के बाद समझौता करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि बड़े देशों में चीन को छोड़कर अभी तक किसी दूसरे देश के द्वारा अमेरिका के साथ समझौता नहीं किया गया है। भारत पर भी अमेरिका के द्वारा 50% टैरिफ का ऐलान किया जा चुका है। भारत का अभी तक अमेरिका के साथ किसी भी तरह का व्यापार समझौता नहीं हुआ है। भारत के साथ-साथ अमेरिका के द्वारा ब्राज़ील पर भी 50% टैरिफ का ऐलान किया गया है। अमेरिका के द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण अमरीका मार्केट को बड़ा नुकसान पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। शुरुआत में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा 2 अप्रैल को विभिन्न देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की गई थी लेकिन बाद में इसे 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया था।

US China Tariff विवाद में ट्रंप ने चीन पर 30% और भारत पर 50% टैरिफ लगाया, जिससे वैश्विक व्यापार तनाव और अमेरिका के नुकसान की आशंका बढ़ी।
US China Tariff विवाद में ट्रंप ने चीन पर 30% और भारत पर 50% टैरिफ लगाया, जिससे वैश्विक व्यापार तनाव और अमेरिका के नुकसान की आशंका बढ़ी।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन के द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर बड़ा निशाना साधा गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा भारत पर बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाया गया है। इसी के साथ-साथ लगातार डोनाल्ड ट्रंप भारत के खिलाफ बयान बाजी कर रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर शुरुआत में 25% टैरिफ का ऐलान किया था जिसके बाद उन्होंने भारत पर जुर्माना लगाने के साथ-साथ 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इस तरह भारत पर कुल 50% टैरिफ हो गया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का कहना है कि लंबे समय से भारत और अमेरिका के संबंधों में मजबूती आई थी लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के कारण भारत लगातार अमेरिका से दूर हो रहा है। ट्रंप की नीतियों के कारण भारत अमेरिका से दूरी बनाते हुए लगातार चीन और रूस के नजदीक पहुंच रहा है। जॉन वॉल्टन अमेरिका में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर 2018 से 2019 तक कार्यरत रह चुके हैं।

ट्रंप के फैसले को बताया ‘भारी भूल’

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा लिए गए फैसलों पर सवाल उठाए गए हैं। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के फैसले को बड़ी भूल करार दिया है। उन्होंने आशंका जाहिर कि अमेरिका के द्वारा रूस को कमजोर करने की कोशिश में गलत कदम उठाए जा रहे हैं। भारत पर लगाया गया एक्स्ट्रा टैरिफ का असर अमेरिका पर भारी पड़ सकता है। लंबे समय तक भारत को रूस और चीन से दूर रखने के लिए अमेरिका के द्वारा कोशिश की गई थी लेकिन अब ट्रंप के द्वारा किए जा रहे व्यवहार से वह कोशिश कमजोर पड़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के द्वारा टैरिफ लगाए जाने के बाद चीन भारत और रूस मिलकर टैरिफ का विरोध जता सकते हैं।  उन्होंने कहा कि अमेरिका के द्वारा दोस्त और दुश्मन दोनों के साथ समान व्यवहार किया जा रहा है।अमेरिका के द्वारा किए जा रहे ऐसे फैसलों के कारण आत्मविश्वास कमजोर होता जा रहा है। जिस आत्मविश्वास को बनाने में लंबा समय लगा था और उसके बदले में बहुत कम आर्थिक फायदा मिला जबकि नुकसान लगातार अमेरिका के लिए बढ़ता जा रहा है।

भारत और ब्राजील जैसे देशों के साथ जारी है तनाव

अमेरिका के द्वारा टैरिफ का डर दिखाकर दुनिया के विभिन्न देशों को झुका दिया गया है लेकिन अभी भी भारत चीन ब्राजील जैसे देश अमेरिका के सामने खड़े हुए हैं। भारत पर अमेरिका के द्वारा 25% से बढ़कर 50% टैरिफ किया जा चुका है। अमेरिका लगातार भारत के डेरी और कृषि सेक्टर में एंट्री करने की कोशिश कर रहा है लेकिन भारत इसके लिए तैयार नहीं है। भारत अपने किसानो और छोटे उद्योगों को ध्यान में रखते हुए हर कदम बड़ी सावधानी से बढ़ा रहा है। अमेरिका के द्वारा भारत पर रूस से हथियार और तेल खरीदने के कारण जुर्माना भी लगाया गया था।

 

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