US EU Trade Deal के तहत अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के बीच व्यापार समझौता हुआ, लेकिन फ्रांस ने इसे 'काला दिन' करार देते हुए विरोध जताया।

अमेरिका लगाएगा यूरोपीय यूनियन पर 15% टैरिफ; यूरोपीय यूनियन और अमेरिका में हुई ट्रेड डील

US EU Trade Deal : यूरोपीय यूनियन और अमेरिका के बीच हुई ट्रेड डील के मुताबिक अमेरिका के द्वारा यूरोपीय यूनियन पर 15% टैरिफ की घोषणा की गई है। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच शुरुआती व्यापार समझौता हो जाने के बाद यह निर्णय लिया गया है। यूरोपीय यूनियन से आने वाले अधिकतर सामानों पर अमेरिका के द्वारा 15% टैरिफ लगाया जाएगा। जिन सामानों पर अमेरिका के द्वारा टैरिफ की घोषणा की गई है। उनमें कार दवा और इलेक्ट्रॉनिक सामान शामिल है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस समय स्कॉटलैंड दौरे पर है। इसी दौरान दोनों के बीच यह शुरुआती व्यापार समझौता हुआ है।

दुनिया के विभिन्न देशों को तय समय सीमा तक समझौता नहीं होने पर बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाने की चेतावनी अमेरिका के द्वारा दी जा रही है। अभी तक अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड डील संपन्न नहीं हुई है। अमेरिका के द्वारा लगाया जा रहा टैरिफ एक शुल्क के रूप में है। विदेश से आने वाले सामानों पर बॉर्डर शुल्क के रूप में यह लगाया जा रहा है। टैरिफ लगाने के बाद विदेश से आने वाले सामान की कीमत घरेलू मार्केट में बढ़ जाती है। जिससे विदेशी सामान की तुलना में घरेलू सामान की उपलब्धता आसान होती है। टैरिफ के द्वारा सरकार को इनकम भी प्राप्त होती है। टैरिफ का उद्देश्य घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देना और स्वदेशी उद्योगो को बढ़ावा देना है।

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अमेरिका से बड़ी मात्रा में एनर्जी खरीदेगा यूरोपीय यूनियन

अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के बीच हुए समझौते के मुताबिक अमेरिका के द्वारा बड़ी मात्रा में यूरोपीय यूनियन को एनर्जी बेची जाएगी। दोनों के बीच में हुए समझौते के तहत 64 लाख करोड रुपए की एनर्जी यूरोपीय यूनियन अमेरिका से खरीदेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूरोपीय यूनियन की अध्यक्ष की मौजूदगी में यह समझौता किया गया। यूरोपीय यूनियन के द्वारा इस दौरान बड़े स्तर पर अमेरिका में निवेश करने की घोषणा की गई। यूरोपीय यूनियन अमेरिका में 51 लाख करोड रुपए का निवेश आने वाले समय में करेगा। यूरोपीय यूनियन के द्वारा किया जाने वाला यह निवेश डिफेंस, फार्मा और ऑटो सेक्टर में होगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा इससे पहले 11 जुलाई को एक चिट्ठी भेजी गई थी जिसमें यह चेतावनी दी गई थी कि यदि एक अगस्त तक अमेरिका के साथ समझौता नहीं किया गया तो 30% टैरिफ लगाया जाएगा।

US EU Trade Deal के तहत अमेरिका ने यूरोपीय यूनियन पर 15% टैरिफ लगाया, जिसमें कार, दवाइयां और इलेक्ट्रॉनिक सामान शामिल हैं।
US EU Trade Deal   के तहत अमेरिका ने यूरोपीय यूनियन पर 15% टैरिफ लगाया, जिसमें कार, दवाइयां और इलेक्ट्रॉनिक सामान शामिल हैं।
समझौते को संसद की मंजूरी बाकी

अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के बीच शुरुआती समझौता हो गया है लेकिन बताया जा रहा है कि यूरोपीय यूनियन की संसद और इसके सदस्य देशों की मंजूरी अभी इस समझौते को मिलना बाकी है। शुरुआती समझौता हो जाने के बावजूद विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर अभी कार्य करना बाकी है। यूरोपीय यूनियन के अध्यक्ष और अमेरिका के राष्ट्रपति की मौजूदगी में हुए समझौते के मुताबिक दोनों पक्षों के द्वारा जेनेरिक दवाई, कृषि उत्पाद, सेमी कंडक्टर उपकरण, एयरक्राफ्ट और उनके पार्ट्स आदि पर पूरी तरह से टैरिफ ख़त्म करने का निर्णय लिया गया है। एक तरफ उपरोक्त उत्पाद पर टैरिफ ख़त्म करने का निर्णय लिया गया है। दूसरी तरफ स्टील और एल्यूमीनियम पर लगा टैरिफ पहले की भांति लगातार जारी रहेगा। स्टील और एल्यूमीनियम पर फिलहाल 50% टैरिफ लगाया जा रहा है।

लंबे समय से चल रही थी बातचीत

यूरोपीय यूनियन और अमेरिका के बीच टैरिफ की लंबे समय से बातचीत जा रही थी। दोनों पक्षों के द्वारा लगभग 7 महीने की बातचीत करने के बाद शुरुआती ट्रेड डील की गई है। अब तक सामने आई खबर के मुताबिक यूरोपीय यूनियन के द्वारा खास छूट नहीं दी जा रही थी लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा 30% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद यूरोपीय यूनियन के द्वारा नरम रुख अपनाया गया और इसके बाद अमेरिका और यूरोपीय यूनियन में समझौते पर सहमति बनी है। यूरोपीय यूनियन को इकोनॉमी के तौर पर दुनिया की तीसरी बड़ी ताकत के रूप में जाना जाता है। यूरोपीय यूनियन में यूरोप के कुल 27 देश शामिल है। ऐसे में यह समझौता हो जाने के बाद बड़े स्तर पर व्यापार प्रभावित होने की प्रबल संभावना है।

लगातार टैरिफ पर सक्रिय डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार दुनिया के विभिन्न देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा कर रहे हैं। यूरोपीय यूनियन के साथ समझौता होने से पहले ही वह विभिन्न देशों पर टैरिफ की घोषणा कर चुके हैं। दुनिया के विभिन्न देशों को तय समय सीमा तक समझौता नहीं होने पर बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाने की चेतावनी अमेरिका के द्वारा दी जा रही है। अभी तक अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड डील संपन्न नहीं हुई है। अमेरिका के द्वारा लगाया जा रहा टैरिफ एक शुल्क के रूप में है। विदेश से आने वाले सामानों पर बॉर्डर शुल्क के रूप में यह लगाया जा रहा है। टैरिफ लगाने के बाद विदेश से आने वाले सामान की कीमत घरेलू मार्केट में बढ़ जाती है। जिससे विदेशी सामान की तुलना में घरेलू सामान की उपलब्धता आसान होती है। टैरिफ के द्वारा सरकार को इनकम भी प्राप्त होती है। टैरिफ का उद्देश्य घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देना और स्वदेशी उद्योगो को बढ़ावा देना है।

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