US EU Trade Deal के तहत अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के बीच व्यापार समझौता हुआ, लेकिन फ्रांस ने इसे 'काला दिन' करार देते हुए विरोध जताया।

फ्रांस ने जताई यूरोपीय यूनियन और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर नाराजगी

US EU Trade Deal : हाल ही में अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के बीच ट्रेड डील होने की घोषणा की गई थी। अमेरिका के राष्ट्रपति और यूरोपीय यूनियन की मौजूदगी में यह समझौता हुआ था। इस समझौते को लेकर फ्रांस के द्वारा नाराजगी जताई गई है। फ्रांस के प्रधानमंत्री के द्वारा इसे गलत करार दिया गया है। उनका कहना है कि यह यूरोपीय यूनियन के लिए काला दिन है। यूरोप के द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ दबाव के आगे झुकना सही नहीं है। वह संगठन जो स्वतंत्र देशो का गठबंधन है अपने साझा मूल्य और हितों की रक्षा के लिए जिसका निर्माण हुआ था वह अमेरिका के दबाव के आगे झुक गया। फ्रांस के यूरोपीय मामलों के मंत्री के द्वारा इस हालत को ठीक नहीं बताया गया। उन्होंने कहा कि यूरोपीय यूनियन को भी इसके जवाब में कार्रवाई करनी चाहिए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सिर्फ ताकत की भाषा को ही समझते हैं। यूरोपीय यूनियन को समझौता होने से पहले ही जवाबी कदम उठाने चाहिए थे। अगर ऐसा होता तो अमेरिका के साथ होने वाली डील और बेहतर होती।

ट्रेड डील के पक्ष में इटली और जर्मनी

एक तरफ फ्रांस के द्वारा यूरोपीय यूनियन और अमेरिका के बीच हुई ट्रेड डील का विरोध किया जा रहा है। दूसरी तरफ इटली और जर्मनी के द्वारा इस ट्रेड डील का स्वागत किया गया है। जर्मन चांसलर और इटली की प्रधानमंत्री के द्वारा इस फैसले को स्वागत के योग्य बताया है। यूरोपीय ट्रेड कमिश्नर के द्वारा इसे अहम कदम बताते हुए कहा गया कि यह डील होने के बाद अमेरिका और यूरोप के बीच होने वाला ट्रेड वॉर खत्म हो गया है। यूरोपीय यूनियन और अमेरिका के बीच हुए समझौते के तहत अमेरिका के द्वारा 15% टैरिफ लगाया जाएगा। यह टैरिफ वर्तमान में लग रहे हैं टैरिफ की तुलना में काफी ज्यादा होगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार दुनिया के विभिन्न देशों को 1 अगस्त तक ट्रेड डील करने को लेकर धमकी दे रहे हैं। फ्रांस के प्रधानमंत्री के द्वारा भले ही यूरोपीय यूनियन और अमेरिका के बीच हुए ट्रेड डील का विरोध किया जा रहा हो लेकिन फ्रांस के राष्ट्रपति के द्वारा अभी तक इस मुद्दे को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया है।

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यूरोपीय यूनियन और अमेरिका के बीच हुई ट्रेड डील के मुताबिक अमेरिका के द्वारा यूरोपीय यूनियन पर 15% टैरिफ की घोषणा की गई है। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच शुरुआती व्यापार समझौता हो जाने के बाद यह निर्णय लिया गया है। यूरोपीय यूनियन से आने वाले अधिकतर सामानों पर अमेरिका के द्वारा 15% टैरिफ लगाया जाएगा। जिन सामानों पर अमेरिका के द्वारा टैरिफ की घोषणा की गई है। उनमें कार दवा और इलेक्ट्रॉनिक सामान शामिल है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस समय स्कॉटलैंड दौरे पर है। इसी दौरान दोनों के बीच यह शुरुआती व्यापार समझौता हुआ है।

दुनिया के विभिन्न देशों को तय समय सीमा तक समझौता नहीं होने पर बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाने की चेतावनी अमेरिका के द्वारा दी जा रही है। अभी तक अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड डील संपन्न नहीं हुई है। अमेरिका के द्वारा लगाया जा रहा टैरिफ एक शुल्क के रूप में है। विदेश से आने वाले सामानों पर बॉर्डर शुल्क के रूप में यह लगाया जा रहा है। टैरिफ लगाने के बाद विदेश से आने वाले सामान की कीमत घरेलू मार्केट में बढ़ जाती है। जिससे विदेशी सामान की तुलना में घरेलू सामान की उपलब्धता आसान होती है। टैरिफ के द्वारा सरकार को इनकम भी प्राप्त होती है। टैरिफ का उद्देश्य घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देना और स्वदेशी उद्योगो को बढ़ावा देना है।

US EU Trade Deal के तहत अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के बीच व्यापार समझौता हुआ, लेकिन फ्रांस ने इसे 'काला दिन' करार देते हुए विरोध जताया।
US EU Trade Deal   के तहत अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के बीच व्यापार समझौता हुआ, लेकिन फ्रांस ने इसे ‘काला दिन’ करार देते हुए विरोध जताया।
अमेरिका से बड़ी मात्रा में एनर्जी खरीदेगा यूरोपीय यूनियन

अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के बीच हुए समझौते के मुताबिक अमेरिका के द्वारा बड़ी मात्रा में यूरोपीय यूनियन को एनर्जी बेची जाएगी। दोनों के बीच में हुए समझौते के तहत 64 लाख करोड रुपए की एनर्जी यूरोपीय यूनियन अमेरिका से खरीदेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूरोपीय यूनियन की अध्यक्ष की मौजूदगी में यह समझौता किया गया। यूरोपीय यूनियन के द्वारा इस दौरान बड़े स्तर पर अमेरिका में निवेश करने की घोषणा की गई। यूरोपीय यूनियन अमेरिका में 51 लाख करोड रुपए का निवेश आने वाले समय में करेगा। यूरोपीय यूनियन के द्वारा किया जाने वाला यह निवेश डिफेंस, फार्मा और ऑटो सेक्टर में होगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा इससे पहले 11 जुलाई को एक चिट्ठी भेजी गई थी जिसमें यह चेतावनी दी गई थी कि यदि एक अगस्त तक अमेरिका के साथ समझौता नहीं किया गया तो 30% टैरिफ लगाया जाएगा।

 

समझौते को संसद की मंजूरी बाकी

अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के बीच शुरुआती समझौता हो गया है लेकिन बताया जा रहा है कि यूरोपीय यूनियन की संसद और इसके सदस्य देशों की मंजूरी अभी इस समझौते को मिलना बाकी है। शुरुआती समझौता हो जाने के बावजूद विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर अभी कार्य करना बाकी है। यूरोपीय यूनियन के अध्यक्ष और अमेरिका के राष्ट्रपति की मौजूदगी में हुए समझौते के मुताबिक दोनों पक्षों के द्वारा जेनेरिक दवाई, कृषि उत्पाद, सेमी कंडक्टर उपकरण, एयरक्राफ्ट और उनके पार्ट्स आदि पर पूरी तरह से टैरिफ ख़त्म करने का निर्णय लिया गया है। एक तरफ उपरोक्त उत्पाद पर टैरिफ ख़त्म करने का निर्णय लिया गया है। दूसरी तरफ स्टील और एल्यूमीनियम पर लगा टैरिफ पहले की भांति लगातार जारी रहेगा। स्टील और एल्यूमीनियम पर फिलहाल 50% टैरिफ लगाया जा रहा है।

 

लंबे समय से चल रही थी बातचीत

यूरोपीय यूनियन और अमेरिका के बीच टैरिफ की लंबे समय से बातचीत जा रही थी। दोनों पक्षों के द्वारा लगभग 7 महीने की बातचीत करने के बाद शुरुआती ट्रेड डील की गई है। अब तक सामने आई खबर के मुताबिक यूरोपीय यूनियन के द्वारा खास छूट नहीं दी जा रही थी लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा 30% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद यूरोपीय यूनियन के द्वारा नरम रुख अपनाया गया और इसके बाद अमेरिका और यूरोपीय यूनियन में समझौते पर सहमति बनी है। यूरोपीय यूनियन को इकोनॉमी के तौर पर दुनिया की तीसरी बड़ी ताकत के रूप में जाना जाता है। यूरोपीय यूनियन में यूरोप के कुल 27 देश शामिल है। ऐसे में यह समझौता हो जाने के बाद बड़े स्तर पर व्यापार प्रभावित होने की प्रबल संभावना है।

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