US India Tariff : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन के द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर बड़ा निशाना साधा गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा भारत पर बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाया गया है। इसी के साथ-साथ लगातार डोनाल्ड ट्रंप भारत के खिलाफ बयान बाजी कर रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर शुरुआत में 25% टैरिफ का ऐलान किया था जिसके बाद उन्होंने भारत पर जुर्माना लगाने के साथ-साथ 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इस तरह भारत पर कुल 50% टैरिफ हो गया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का कहना है कि लंबे समय से भारत और अमेरिका के संबंधों में मजबूती आई थी लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के कारण भारत लगातार अमेरिका से दूर हो रहा है। ट्रंप की नीतियों के कारण भारत अमेरिका से दूरी बनाते हुए लगातार चीन और रूस के नजदीक पहुंच रहा है। जॉन वॉल्टन अमेरिका में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर 2018 से 2019 तक कार्यरत रह चुके हैं।
ट्रंप के फैसले को बताया ‘भारी भूल’
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा लिए गए फैसलों पर सवाल उठाए गए हैं। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के फैसले को बड़ी भूल करार दिया है। उन्होंने आशंका जाहिर कि अमेरिका के द्वारा रूस को कमजोर करने की कोशिश में गलत कदम उठाए जा रहे हैं। भारत पर लगाया गया एक्स्ट्रा टैरिफ का असर अमेरिका पर भारी पड़ सकता है। लंबे समय तक भारत को रूस और चीन से दूर रखने के लिए अमेरिका के द्वारा कोशिश की गई थी लेकिन अब ट्रंप के द्वारा किए जा रहे व्यवहार से वह कोशिश कमजोर पड़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के द्वारा टैरिफ लगाए जाने के बाद चीन भारत और रूस मिलकर टैरिफ का विरोध जता सकते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका के द्वारा दोस्त और दुश्मन दोनों के साथ समान व्यवहार किया जा रहा है।अमेरिका के द्वारा किए जा रहे ऐसे फैसलों के कारण आत्मविश्वास कमजोर होता जा रहा है। जिस आत्मविश्वास को बनाने में लंबा समय लगा था और उसके बदले में बहुत कम आर्थिक फायदा मिला जबकि नुकसान लगातार अमेरिका के लिए बढ़ता जा रहा है।
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भारत और ब्राजील जैसे देशों के साथ जारी है तनाव
अमेरिका के द्वारा टैरिफ का डर दिखाकर दुनिया के विभिन्न देशों को झुका दिया गया है लेकिन अभी भी भारत चीन ब्राजील जैसे देश अमेरिका के सामने खड़े हुए हैं। भारत पर अमेरिका के द्वारा 25% से बढ़कर 50% टैरिफ किया जा चुका है। अमेरिका लगातार भारत के डेरी और कृषि सेक्टर में एंट्री करने की कोशिश कर रहा है लेकिन भारत इसके लिए तैयार नहीं है। भारत अपने किसानो और छोटे उद्योगों को ध्यान में रखते हुए हर कदम बड़ी सावधानी से बढ़ा रहा है। अमेरिका के द्वारा भारत पर रूस से हथियार और तेल खरीदने के कारण जुर्माना भी लगाया गया था।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार दुनिया के विभिन्न देशों पर बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाते हुए उन्हें डराने की कोशिश कर रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा दबाव बनाने के बाद समझौता करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि बड़े देशों में चीन को छोड़कर अभी तक किसी दूसरे देश के द्वारा अमेरिका के साथ समझौता नहीं किया गया है। भारत पर भी अमेरिका के द्वारा 50% टैरिफ का ऐलान किया जा चुका है। भारत का अभी तक अमेरिका के साथ किसी भी तरह का व्यापार समझौता नहीं हुआ है। भारत के साथ-साथ अमेरिका के द्वारा ब्राज़ील पर भी 50% टैरिफ का ऐलान किया गया है। अमेरिका के द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण अमरीका मार्केट को बड़ा नुकसान पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। शुरुआत में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा 2 अप्रैल को विभिन्न देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की गई थी लेकिन बाद में इसे 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया था।

अमेरिका के सामने झुका ब्रिटेन
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को ब्रिटेन पर 41% टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इससे घबराकर ब्रिटेन के द्वारा अमेरिका के साथ समझौता कर लिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन नेअमेरिका के बीफ और एथेनॉल को टैक्स फ्री कर दिया है। जिसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति ने टेरिफ को घटाकर 10% कर दिया है। ब्रिटेन के द्वारा इसके अतिरिक्त खेल; शराब और जैतून के तेल से जुड़े सामानों पर भी कम टैरिफ लगाने का दावा किया है। अमेरिका के द्वारा ब्रिटेन के स्टील और एल्यूमीनियम पर शुरुआत में 50% टैरिफ लगाया था लेकिन बाद में इसे घटाकर 25% कर दिया गया था। ब्रिटेन की तरह ही जापान पर भी अमेरिका के द्वारा शुरुआत में 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की गई थी लेकिन जापान के द्वारा अमेरिका से बोइंग विमान खरीदने तथा अमेरिकी कंपनियों के साथ रक्षा खर्च को बढ़ाने पर सहमति जता देने के बाद इसे घटाकर 15% करने का ऐलान किया है।
टैरिफ को लेकर सबसे ज्यादा घमासान अमेरिका और चीन के बीच मचा हुआ है। अमेरिका के द्वारा शुरुआत में चीन पर 145% टैरिफ लगाया गया था जिसके बदले में चीन ने भी पलटवार करते हुए 125% टैरिफ का ऐलान किया था। चीन के रुख को देखते हुए अमेरिका झुकने पर मजबूर हुआ था। बाद में अमेरिका ने चीन पर 30% टैरिफ रखा जबकि चीन ने अमेरिका पर 10% टैरिफ का ऐलान किया। अमेरिका के द्वारा लगातार यह कोशिश की जा रही है कि चीन अपनी सरकारी कंपनियों को दी जा रही मदद में कमी लाये जिससे दूसरे देश की कंपनियां भी चीन की कंपनियों से मुकाबला कर पाए। चीन टेक्नोलॉजी में विदेशी कंपनियों को मौका मिल सके। इसके लिए अमेरिका के द्वारा कोशिश की जा रही है लेकिन चीन ने इसके ऊपर सहमति जताने से स्पष्ट तौर पर मना कर दिया है।
अमेरिका के द्वारा भारत और ब्राजील पर सर्वाधिक 50% टैरिफ लगाने का ऐलान किया गया है। ब्राजील के राष्ट्रपति ने अमेरिका के सामने झुकने से इनकार कर दिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति पर की जा रही कार्रवाई को अत्याचार बताया था। जिसके बाद ब्राजील पर 50% टैरिफ की घोषणा की गई थी। हालांकि ब्राजील के राष्ट्रपति को अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने बातचीत का भी खुला निमंत्रण भेजा था जिसे ब्राजील के राष्ट्रपति ने ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा था कि मैं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत नहीं करूंगा। इसकी तुलना में चीन के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री से बात करना चाहूंगा। ब्राजील के राष्ट्रपति ने अपने कहे अनुसार भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की है। इसमें दोनों देशों के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा हुई।