US Iran Attack: अमेरिका के द्वारा ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमले किए जाने को लेकर अमेरिका के द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस हमले की जानकारी दी गई है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस हमले में 125 एयरक्राफ्ट शामिल थे। ईरान के ऊपर किए गए हमले में 125 एयरक्राफ्ट के साथ-साथ b-2 स्ट्रैंथ बॉम्बर्स ने भी अभियान में भाग लिया।
सुबह 4:30 किया ईरान पर हमला
ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमले की जानकारी देते हुए अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि ईरान पर किया गया यह हमला सुबह 4:30 बजे हुआ था। हमले की जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ईरान के विभिन्न परमाणु ठिकानों पर लगभग 14000 किलो वजन के बम गिराए गए हैं। ईरान पर किए गए अमेरिका के हमले में ईरान के परमाणु ठिकानों को बड़ी मात्रा में नुकसान पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
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रणनीति के तहत किया अमेरिका ने हमला
अमेरिका के द्वारा ईरान पर किया गया हमला पूरी तैयारी के साथ किया गया था। अमेरिका के रक्षा मंत्री और ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ जनरल ने जानकारी देते हुए बताया कि ईरान पर किए गए इस हमले के ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन मिडनाइट हैमर रखा गया था। जिस वक्त इरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया गया था अमेरिका के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति इस ऑपरेशन पर पूरी निगरानी बनाए हुए थे।
हमले से पहले भटकाया ईरान का ध्यान
अमेरिका के द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने से पहले पूरी तरह इस हमले की रणनीति बना ली गई थी। अमेरिका के द्वारा ईरान का ध्यान भटकाने के लिए कुछ b-2 विमान को अमेरिका के द्वारा प्रशांत महासागर में तैनात किया गया था। ताकि ईरान को यह लगे कि अमेरिका के द्वारा होने वाला प्रशांत महासागर से होगा। लेकिन अमेरिका ने और वक्त पर रणनीति बदलते हुए इस हमले को दुसरे एयर फोर्स बेस से किया। अचानक दूसरी तरफ से हुए हमले के कारण ईरान को संभलने में समय नहीं मिल पाया।
पूरी तरह गुप्त था ऑपरेशन
व्हाइट हाउस की तरफ से हमले की जानकारी देते हुए बताया गया कि ईरान पर किए गए हमले को पूरी तरह से गुप्त रखा गया था। इस हमले को लेकर जानकारी सिर्फ चुनिंदा लोगों को ही थी। ईरान पर हमला करने के लिए 3:30 पर b-2 विमान ने उड़ान भरी। लंबे समय तक उड़ान भरने के कारण इन विमान ने रास्ते में फ्यूल भी भरा था। ईरान के परमाणु ठिकानों पर पहुंचने पर इन्होंने कई हजार किलो के बम गिराए। ईरान के तीनों परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के द्वारा जबरदस्त हमले किए गए हैं।
हमले में नुकसान की नहीं अभी जानकारी
अमेरिका के द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने के बाद इस हमले में ईरान के परमाणु ठिकानों को कितना नुकसान हुआ इस बात की अभी जानकारी सामने नहीं आई है। ईरान के द्वारा परमाणु ठिकानों पर हमले की बात को तो स्वीकार कर लिया गया है लेकिन उसकी तरफ से अभी यह बयान नहीं दिया गया है कि अमेरिका के हमले में ईरान के परमाणु ठिकानों को कितनी बड़ी मात्रा में नुकसान पहुंचा है।
ईरान ने अमेरिका के हमले के बाद बयान जारी करते हुए रेडिएशन लीक होने की संभावनाओं को नकार दिया था। ईरान के द्वारा कहा गया था कि विभिन्न रेडिएशन जांचने वाली मशीनों के द्वारा पता लगाने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि रेडिएशन लीक का कोई खतरा नहीं है। रेडिएशन लीक नहीं होने के कारण आसपास के लोगों को किसी भी तरह का खतरा नहीं है।

ट्रंप ने फिर दी ईरान को चेतावनी
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा ईरान को एक बार फिर चेतावनी दी गई है। ईरान के तीन परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने के बाद हमले की जानकारी देते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यदि ईरान के द्वारा अभी भी शांति की तरफ कदम नहीं बढ़ाया गया तो आने वाले समय में ईरान पर और भी भीषण हमले किए जाएंगे। दूसरी तरफ ईरान के द्वारा अमेरिका के ऊपर अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। अमेरिका के द्वारा ईरान पर किए गए हमलो के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री ने अमेरिका को और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवाद दिया है।
ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष में अमेरिका के द्वारा ईरान पर हमला करने के बाद अब इस जंग में और भी पैना पन नजर आ सकता है। आने वाले समय में ईरान और इजरायल के बीच चल रहा वॉर पलटवार तेज हो सकता है। यदि ईरान के द्वारा परमाणु समझौते को लेकर बातचीत नहीं की गई तो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कहे अनुसार अमेरिका एक बार फिर ईरान पर हमला कर सकता है। दूसरी तरफ दुनिया के दूसरे देश भी ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष पर नजर बनाए हुए हैं। दुनिया के अलग-अलग देश ईरान और इजरायल के समर्थन में बयान दे रहे हैं। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में यदि दोनों देशों के बीच संघर्ष लंबा खींच तो दुनिया के देश दो भागों में विभाजित हो सकते हैं।