US Iran Strike में अमेरिका ने ईरान के फोर्दो, नतांज़ और इस्फहान परमाणु ठिकानों पर हमला किया। ट्रंप ने चेताया- शांति न होने पर और हमले होंगे।

ईरान इजरायल जंग में कूदा अमेरिका, ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका ने किया हमला

US Iran Strike: पिछले 10 दिनों से जारी ईरान और इजरायल के की जंग में अब अमेरिका भी शामिल हो गया है। अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाते हुए उन्हें ध्वस्त कर दिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति ने ईरान को इसी के साथ यह भी धमकी जारी की है कि यदि ईरान ने शांति कायम नहीं की तो और हमले किए जाएंगे। अमेरिका के द्वारा ईरान के उन परमाणु ठिकानों पर हमला किया गया है जिनको ईरान के सबसे सुरक्षित परमाणु स्थान माने जा रहे थे।

अमेरिका ने किया तीन परमाणु ठिकानों पर हमले

अमेरिका के द्वारा ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया गया है। अमेरिका के द्वारा यह हमला हवाई जेट्स के द्वारा किया गया है। अमेरिका के द्वारा जिन तीन परमाणु संयंत्र को निशाना बनाया गया है उनमें फोर्दो नतांज़ और इस्फ़हान शामिल है। अमेरिका के द्वारा किए गए इन हमलों में ईरान के विभिन्न परमाणु प्लांट को बड़ा नुकसान होने की संभावना बताई जा रही है।

ईरान पर हमला कर बुरा फंसा इजरायल, आर्थिक मोर्चे पर इजरायल को हो रहा बड़ा नुकसान

पूरा यूक्रेन रूस का- पुतिन, यूक्रेन के राष्ट्रपति बोले-रूस नहीं चाहता जंग खत्म करना

नीरज चोपड़ा ने जीता पेरिस डायमंड लीग का खिताब

अंत में लड़खड़ाई टीम इंडिया, दूसरे दिन इंग्लैंड ने बनाए तीन विकेट पर 209 रन

अमेरिका के द्वारा किए गए हमले में नतांज़ परमाणु केंद्र भी शामिल है। बताया जा रहा है कि इस परमाणु केंद्र पर 9 परमाणु बम बनाने के लिए आवश्यक यूरेनियम मौजूद है। इजराइल के प्रधानमंत्री के द्वारा इस परमाणु संयंत्र को पहले ही ईरान का सबसे बड़ा खतरा बताया गया था। ईरान के दूसरे परमाणु संयंत्र फोर्दो की संरचना और स्थिति इस तरह की मानी जा रही थी जहां तक दुश्मन के लिए पहुंचना बहुत मुश्किल था। अमेरिका के द्वारा इसे भी निशाना बनाया गया है। इस परमाणु संयंत्र का कंट्रोल वर्तमान में परमाणु ऊर्जा संगठन के पास था।

हवाई हमले के अतिरिक्त दूसरे प्रकार के हमले से इस परमाणु संयंत्र को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाना संभव नहीं था। इसके अतिरिक्त अमेरिका के द्वारा जिन परमाणु केंद्र को निशाना बनाया गया उनमें इस्फ़हान  परमाणु संयंत्र शामिल है। यहां पर अमेरिका के ही F- 14 फाइटर जेट ईरान के द्वारा तैनात कर रखे हैं। बताया जा रहा है कि इस परमाणु संयंत्र के पास हथियार बनाने की भी फैक्ट्री मौजूद थी। इसराइल के द्वारा पहले भी इस परमाणु संयंत्र पर हमला किया जा चुका है।

ट्रंप बोले जारी रहेंगे हमले

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के द्वारा ईरान पर हमले किए जाने के बाद देश को संबोधित करते हुए कहा यदि ईरान ने शांति का प्रस्ताव नहीं चुना तो आने वाले समय में ईरान पर और हमले किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा था की फोर्दो परमाणु संयंत्र पर सिर्फ एक बम नहीं गिराया बल्कि बमों की पूरी खेप इस परमाणु संयंत्र पर गिरा दी गई थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकना है। ईरान अभी भी यदि परमाणु परीक्षण को लेकर कार्य करता है तो हमारे हमले भविष्य में भी हो सकते हैं। उन्होंने अमेरिका के द्वारा की गई कार्रवाई को एक शानदार सैन्य सफलता करार दिया है।

US Iran Strike में अमेरिका ने ईरान के फोर्दो, नतांज़ और इस्फहान परमाणु ठिकानों पर हमला किया। ट्रंप ने चेताया- शांति न होने पर और हमले होंगे।
US Iran Strike में अमेरिका ने ईरान के फोर्दो, नतांज़ और इस्फहान परमाणु ठिकानों पर हमला किया। ट्रंप ने चेताया- शांति न होने पर और हमले होंगे।
अमेरिका पहले ही कर चुका है हमले की प्रैक्टिस

अमेरिका के द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाते हुए जो हमला किया गया है उसकी प्रेक्टिस अमेरिका के द्वारा पहले ही की जा चुकी है। बताया जा रहा है कि ईरान पर हमले की प्रैक्टिस से अमेरिका की पूर्ववर्ती सरकार में इस हमले को लेकर अभ्यास किया गया था। अमेरिका और इजरायल के द्वारा संयुक्त रूप से 1 साल पहले ईरान पर हमले की प्रैक्टिस की गई थी। ईरान को लेकर किसी भी देश से के द्वारा की गई यह पहले प्रैक्टिस थी।

अमेरिका के हमले से रेडिएशन लीक होने की संभावना

अमेरिका के द्वारा ईरान के परमाणु संयंत्र को निशाना बनाए जाने के बाद यह आशंका  जताई जा रही है कि ईरान के परमाणु संयंत्रों से रेडिएशन लीक हो सकता है। अमेरिका के द्वारा भीषण बमबारी करने से ईरान के परमाणु संयंत्र में स्थित विस्फोटक पदार्थ लीक होने की स्थिति में यह भयानक हो सकता है। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अमेरिका के द्वारा किए गए हमले से ईरान के परमाणु संयंत्र को कितना नुकसान पहुंचा है। ईरान की तरफ से अमेरिका के द्वारा किए गए हमले में हुए नुकसान की पुष्टि नहीं की गई है।

अमेरिका के द्वारा हाल ही में ईरान को लेकर यह कहा गया था कि वह दो हफ्ते तक ईरान पर हमला नहीं करेगा लेकिन अचानक अमेरिका के द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अमेरिका के द्वारा दिया गया यह बयान ईरान का ध्यान भटकाने के लिए था और यह संभावना पहले भी जताई जा रही थी कि इजरायल के द्वारा लगातार की जा रहे आग्रह के बाद अमेरिका इस युद्ध में शामिल हो सकता है। अमेरिका के इस युद्ध में शामिल होने के बाद अब ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष में और तेजी आने की संभावना जताई जा रही है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *