US State Department : अमेरिका के विदेश मंत्रालय के द्वारा एक बड़ा निर्णय लिया जा रहा है। अमेरिका में पुनर्गठन योजना के तहत बड़े स्तर पर कर्मचारियों को उनकी नौकरी से निकलने की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि विदेश मंत्रालय के द्वारा 1300 से भी अधिक कर्मचारियों को नौकरी से आने वाले समय में निकाल दिया जाएगा। जिसमें सिविल सर्वेंट और विदेश सेवा के अधिकारी भी शामिल हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के द्वारा नौकरी से हटाने को लेकर कर्मचारी और अधिकारियों को नोटिस भेजने की तैयारी कर ली गई है। अमेरिका में विदेश सेवा में लगे हुए अधिकारी और कर्मचारियों को सीधे ही नौकरी से नहीं हटाया जाएगा बल्कि यह बताया जा रहा है कि विदेश सेवा में लगे अधिकारियों को पहले प्रशासनिक छुट्टी पर भेजा जाएगा।
आने वाले समय में इस प्रक्रिया में और भी तेजी आ सकती है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के द्वारा 1300 से भी अधिक कर्मचारियों को उनकी नौकरी से हटाने के निर्णय का अमेरिकी विदेश सेवा संघ ने विरोध किया है। अमेरिकी विदेश सेवा संघ का कहना है कि यह राष्ट्रीय हितों के लिए खतरा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के द्वारा 1300 से भी अधिक कर्मचारियों अधिकारियों को नौकरी से हटाने के साथ-साथ एक दूसरा कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत फेडरल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन के द्वारा अपने ही विभाग के सीनियर अधिकारियों की विभाग के प्रति वफादारी जांचने का कार्य किया जा रहा है।
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प्रशासनिक छुट्टी के बाद होगी नौकरी समाप्त
अमेरिका में विदेश सेवा में लगे हुए अधिकारी और कर्मचारियों को सीधे ही नौकरी से नहीं हटाया जाएगा बल्कि यह बताया जा रहा है कि विदेश सेवा में लगे अधिकारियों को पहले प्रशासनिक छुट्टी पर भेजा जाएगा। उनकी प्रशासनिक छुट्टी 120 दिनों की होगी। इसके बाद उनकी नौकरी समाप्त कर दी जाएगी। दूसरी तरफ सिविल सर्वेंट के लिए प्रशासनिक छुट्टी की अवधि 60 दिन तय की गई है। 60 दिन के बाद उनकी नौकरी को समाप्त किया जाएगा। ऐसे में यह तय हो गया है कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय के द्वारा पुनर्गठन योजना के तहत 1300 से भी अधिक कर्मचारियों को नौकरी से बाहर कर दिया जाएगा। इसे लेकर कर्मचारियों के द्वारा विरोध भी किया जा रहा है लेकिन ट्रंप सरकार अपने कार्य को करने में लगातार व्यस्त है।
गैर जरूरी कार्यों को खत्म करने के लिए उठाए कदम -अमेरिका
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के द्वारा 1300 से भी अधिक कर्मचारी और अधिकारियों की नौकरी समाप्त करने के सवाल पर विदेश मंत्रालय का कहना है कि गैर जरूरी कार्यों को खत्म करने के लिए विदेश मंत्रालय के द्वारा यह कदम उठाया जा रहा है। विदेश में अधिक कुशल कार्मिक बनाने के लिए विभाग को निर्देश दिए गए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री ने भी इस कार्य को अनिवार्य बताया है। अमेरिका के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री के द्वारा समर्थन मिलने के बाद ही इस कार्य में तेजी आई थी।

अमेरिका के विदेश मंत्री ने इस पुनर्गठन योजना को लेकर कहा था कि हमारा उद्देश्य कर्मचारियों को नौकरी से हटाना नहीं है। बल्कि विभाग को और भी अधिक प्रभावशाली बनाना है। विभाग को प्रभावशाली बनाने के लिए ही यह कदम उठाए जा रहे है। कुछ कर्मचारी अपनी सेवा से जल्दी रिटायरमेंट ले रहे हैं जबकि कुछ पद खाली है। इसलिए उन पदों को खत्म किया जा रहा है। दूसरी तरफ कई राजनिएको का यह भी कहना है कि अमेरिका के द्वारा उठाए जा रहे इस कदम से अमेरिका का वैश्विक स्तर पर प्रभाव कमजोर हो जाएगा।
विदेश सेवा संघ ने जताया विरोध
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के द्वारा 1300 से भी अधिक कर्मचारियों को उनकी नौकरी से हटाने के निर्णय का अमेरिकी विदेश सेवा संघ ने विरोध किया है। अमेरिकी विदेश सेवा संघ का कहना है कि यह राष्ट्रीय हितों के लिए खतरा है। विदेश मंत्रालय के द्वारा इससे पहले अमेरिका की सांसद कांग्रेस को भी सूचित किया गया था। जिसमें यह बताया गया था कि पुनर्गठन योजना से 300 से भी अधिक कार्यालय प्रभावित होंगे। मानवाधिकार, लोकतंत्र, शरणार्थी तथा अप्रवास से संबंधित दफ्तरों पर इसका खासा प्रभाव देखने को मिलेगा। अमेरिका में ट्रंप सरकार लगातार संघ सरकार के आकार को छोटा करने पर कार्य कर रही है। इस रणनीति के तहत विदेश मंत्रालय के द्वारा 1300 से भी अधिक कर्मचारियों अधिकारियों को उनकी नौकरी से निकालने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।
अमेरिका में चल रही है अधिकारियों की वफादारी की जांच
अमेरिकी सरकार के द्वारा कर्मचारियों और अधिकारियों को लेकर विभिन्न तरह के कदम समय-समय पर उठाए जा रहे हैं। इसी के तहत अमेरिकी विदेश मंत्रालय के द्वारा 1300 से भी अधिक कर्मचारियों अधिकारियों को नौकरी से हटाने के साथ-साथ एक दूसरा कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत फेडरल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन के द्वारा अपने ही विभाग के सीनियर अधिकारियों की विभाग के प्रति वफादारी जांचने का कार्य किया जा रहा है। सीनियर अधिकारियों का टेस्ट करने के लिए पॉलीग्राफ अर्थात झूठ पकड़ने वाले टेस्ट किये जा रहे हैं। अमेरिका एजेंसी के द्वारा ऐसे कर्मचारी और अधिकारियों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जा रहा है जिनके ऊपर एजेंसी को शक है या फिर पूर्व में उनके कार्य पर सवाल उठे थे।