US Student Visa : एक समय था जब भारतीय स्टूडेंट पढ़ाई के लिए बड़ी मात्रा में अमेरिका रवाना होते थे लेकिन लगातार अमेरिका के सरकार के द्वारा बनाई जा रही विभिन्न पॉलिसियों के कारण अब स्टूडेंट्स का अमेरिका से मोह भंग हो गया है। अमेरिका जाकर अध्ययन करने वाले छात्रों की संख्या में बड़ी मात्रा में गिरावट देखने को मिल रही है। विभिन्न स्टूडेंट्स को डर है कि यदि उनके द्वारा अमेरिका जाकर अध्ययन किया गया तो उनके साल भी बर्बाद हो सकते हैं। ऐसे में अपने करियर के प्रति सतर्क रहते हुए छात्रों के द्वारा अमेरिका से बचा जा रहा है। आपको बता दे कि अमेरिका में अध्ययन कर रहे कुल छात्रों में से काफी छात्र भारतीय हैं। ट्रंप प्रशासन के द्वारा लगातार वीजा स्लॉट में रुकावट और विजा रिजेक्शन में बढ़ोतरी करने की वजह से यह प्रभाव देखने को मिल रहा है। लगभग 70% तक भारतीय छात्रों के अमेरिका जाने में कमी देखी जा रही है।
नहीं खुल रहा अमेरिका का वीजा स्टॉल
लंबे समय से देखा जाता रहा है कि अब तक बड़ी मात्रा में छात्र अमेरिका अध्ययन करने के लिए उत्सुक रहते थे और बड़ी मात्रा में छात्रों के द्वारा विजा इंटरव्यू दिया जाता था। वीजा इंटरव्यू देने के बाद छात्रों के अमेरिका जाने का रास्ता खुल जाता था लेकिन हैदराबाद ओवरसीज कंसलटेंट के मुताबिक जिस समय छात्र वीजा इंटरव्यू पूरे कर चुके होते थे उसे समय तक अमेरिका का वीजा स्टॉल नहीं खुला है। हमारे द्वारा रोज पोर्टल चेक किया जा रहा है लेकिन इस साल स्थिति बहुत खराब है। इस समय तक छात्रों के द्वारा अमेरिका जाने की तैयारी कर ली होती है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के अधिकारियों से इस बारे में बातचीत करने पर आश्वासन दिया जाता है लेकिन अभी तक इसे लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में छात्रों में अमेरिका के प्रति नाराजगी है और उन्हें अपने करियर का साल खराब होने का डर सता रहा है।
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स्लॉट बुक करने वाले छात्रों को नहीं मिल रहा कंफर्मेशन
एक तरफ अमेरिका जाने के लिए छात्रों के द्वारा लगातार आवेदन किये जा रहे हैं और वीजा स्टॉल खोलने का इंतजार किया जा रहा है। दूसरी तरफ को छात्र ऐसे भी हैं जिनके द्वारा वीजा स्लॉट बुक कर दिया गया है लेकिन अभी तक उन्हें कंफर्मेशन नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में इन छात्रों का अमेरिका जाना भी असमंजश में है। विंडो ओवरसीज एजुकेशन कंसलटेंसी के अंकित जैन के द्वारा यह बताया गया है कि ऐसा लग रहा है अमेरिका के द्वारा अपने सिस्टम की टेस्टिंग की जा रही है। इसी कारण इस समय वीजा स्टॉल कंफर्मेशन में इतनी देरी की जा रही है। ऐसे में छात्रों के द्वारा अमेरिका के प्रति लगातार नाराजगी पड़ रही है और अपने करियर की तलाश में अमेरिका के बजाय दूसरे देशों की तरफ ध्यान देना शुरू कर दिया गया है। छात्र दूसरे देशों में भी विकल्प तलाशने की कोशिश कर रहे हैं। छात्रों को यह लग रहा है कि अब अमेरिका जाने का रास्ता लगभग बंद हो गया है और अपना करियर बर्बाद करने की तुलना में दूसरे देशों में विकल्प ढूंढ सकते है।
अमेरिकी कानून बना छात्रों की राह में रुकावट
लंबे समय से अमेरिका में भारतीय छात्रों के द्वारा बड़ी मात्रा में अध्ययन के लिए जाया जाता था लेकिन अमेरिकी सरकार के द्वारा कानून बनाए जाने के कारण अबकी बार इसमें रुकावट नजर आ रही है। अमरीकी सरकार छात्रों को वीजा देने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहती है कि इन छात्रों के द्वारा पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद अपने देश वापस जाया जाएगा या नहीं। ऐसा नहीं है कि पहले यह नियम नहीं थे लेकिन यह बताया जा रहा है कि इन नियमों को लेकर अब सख्ती दिखाई जा रही है। अमेरिका बार-बार इस बात पर जोर दे रहा है कि इन छात्रों के द्वारा अमेरिका के हितों को नुकसान ना हो ऐसी स्थिति में ही वह विदेशी छात्रों को अमेरिका में आने को लेकर कंफर्मेशन दे पाएंगे।

अमेरिका की तरफ से पूरी तरह से जांच कर लेने के बाद ही इन छात्रों को लेकर फैसला किया जा सकता है। अमेरिका के विदेश मंत्री ने 2 महीने पहले विदेशी छात्रों के नए विजा इंटरव्यू पर रोक लगा दी थी। दरअसल विदेश मंत्री के द्वारा विजा इंटरव्यू पर लगाई रोक का उद्देश्य यूनिवर्सिटीज में वामपंथी विचार और यहूदी विरोध को रोकना था। विदेश मंत्री की तरफ से यह आदेश जारी किया गया था कि कोई भी अमेरिकी दूतावास स्टूडेंट वीजा के लिए नए इंटरव्यू शेड्यूल जारी न करें क्योंकि अमेरिका छात्रों की सोशल मीडिया प्रोफाइल जांचने के बाद ही अमेरिका में आने की इजाजत देगा।
अलग-अलग है अमेरिका के वीजा प्रोग्राम
अमेरिका के द्वारा अलग-अलग वीजा पासपोर्ट जारी किए जाते हैं। अमेरिकी कॉलेज में विदेशी छात्रों की पढ़ाई के लिए वहां रहकर पढ़ाई करने हेतु अमेरिका के द्वारा F1 वीजा जारी किया जाता है। इस वीजा के जरिए कोर्स पूरा होने तक वह छात्र वैध होता है जबकि इसमें 60 दिनों का ग्रेस पीरियड होता है। इस वीजा में छात्र को कोर्स खत्म हो जाने के बाद वापस अपने देश जाने का भरोसा देना जरूरी होता है। अमेरिका में वर्तमान में लगभग 10 लाख से भी ज्यादा छात्र f1 वीजा के जरिए पढ़ाई कर रहे हैं। खास बात यह भी है कि इस वीजा के जरिए अध्ययन कर रहे छात्र कैंपस के अंदर कार्य कर सकते हैं।
M1 वीजा उन लोगों के लिए जारी किया जाता है जो गैर अध्ययन क्षेत्र व्यावसायिक ट्रेनिंग लेने के लिए अमेरिका आते हैं। ऐसे लोगों को फाइनेंशियल सपोर्ट का प्रमाण पत्र देना जरूरी होता है और कुछ सीमित मामलों में ही कैंपस के अंदर कार्य करने की इजाजत इन लोगों को मिल पाती है। m1 वीजा में लोगों को अधिकतम 1 साल के लिए ही अनुमति मिल पाती है। कुछ विशेष मामलों में इनकी समय सीमा को 30 दिन के लिए बढ़ाया जा सकता है। अमेरिका के द्वारा एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम के लिए G1 वीजा जारी किया जाता है। स्कॉलर, रिसर्चर, टीचर और अन्य क्षेत्रों के लिए एक्सचेंज प्रोग्राम में भाग लेने वाले नागरिकों को यह वीजा मिलता है। इस प्रकार के वीजा के लिए स्पॉन्सर संगठन की भी आवश्यकता होती है।