Vice President Election : उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के द्वारा इस्तीफा दे दिए जाने के बाद लगातार चुनाव आयोग के द्वारा नए उपराष्ट्रपति का चुनाव करने को लेकर तैयारी तेज कर दी गई थी। संभावना के अनुरूप ही कार्य करते हुए चुनाव आयोग ने उप राष्ट्रपति के चुनाव के लिए कार्यक्रम जारी कर दिया है। इस कार्यक्रम के मुताबिक उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन 21 अगस्त तक भरे जाएंगे। 7 अगस्त को नोटिफिकेशन जारी होने के बाद 21 अगस्त तक नामांकन भरने का कार्य होगा। 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग हो जाने के बाद इसी दिन रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।
चुनाव आयोग के द्वारा उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कार्यक्रम जारी कर देने के बाद अब पक्ष और विपक्ष दोनों के द्वारा ही उम्मीदवार पद को लेकर चर्चा शुरू कर दी गई है। एनडीए की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के लिए थावरचंद गहलोत और ओम माथुर का नाम सबसे आगे चल रहा है। थावरचंद गहलोत वर्तमान में कर्नाटक के राज्यपाल पद पर कार्यरत हैं। दूसरी तरफ ओम माथुर सिक्किम में राज्यपाल के पद पर तैनात हैं। दूसरी तरफ यह संभावना जताई जा रही है कि इंडिया गठबंधन के द्वारा एक संयुक्त उम्मीदवार उतारा जा सकता है। राज्यसभा और लोकसभा दोनों को मिलाकर इंडिया गठबंधन के पास 313 सांसदों का समर्थन है जबकि एनडीए के पास 423 सांसद हैं। ऐसे में यह स्पष्ट है कि एनडीए के पास उपराष्ट्रपति चुनाव में बढ़त होगी लेकिन उलट फेर हो जाने की स्थिति में चुनाव का नतीजा प्रभावित हो सकता है।
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कार्यकाल पूरा होने से पहले धनकड़ दिया था इस्तीफा
भारतीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के द्वारा अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया गया था। 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ के द्वारा अचानक इस्तीफा देने का ऐलान किया गया था। जगदीप धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 को पूरा होने वाला था लेकिन अपने कार्यकाल से पहले ही इस्तीफा देकर उन्होंने सभी को चौंका दिया था। जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था। उन्होंने कहा था कि खराब स्वास्थ्य और डॉक्टरों की सलाह के कारण मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं। जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद भारतीय राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू के द्वारा 22 जुलाई को उनके इस्तीफे को मंजूर कर दिया गया था। जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद से ही लगातार नए उपराष्ट्रपति के नाम को लेकर चर्चा चल रही थी।
कार्यक्रम के साथ तेज होगी चुनाव की तैयारी
उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव आयोग के द्वारा कार्यक्रम जारी कर देने के बाद अब इसे लेकर पक्ष और विपक्ष दोनों के द्वारा तैयारियां शुरू कर दी जाएगी। उपराष्ट्रपति के चुनाव में निर्वाचक मंडल के द्वारा अहम भूमिका निभाई जाती है। इस निर्वाचन मंडल में लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित और नामित सदस्य शामिल होते हैं। किसी भी उम्मीदवार को उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करने के लिए भी 20 सांसदों द्वारा प्रस्तावक और 20 सांसदों द्वारा समर्थन के रूप में समर्थन होना जरूरी है। उपराष्ट्रपति चुनाव में सिर्फ सांसदों के द्वारा ही भाग लिया जाता है। ऐसे में सांसदों के बीच सीमित प्रचार किया जाता है। चुनाव प्रक्रिया में मतदाताओं के द्वारा प्रत्याशियों को प्राथमिकता के क्रम में अंकित किया जाता है। निर्धारित प्रक्रिया के तहत भारतीय उपराष्ट्रपति बनने के लिए कुल वैध माता का 50% प्राप्त करना आवश्यक होता है। उपराष्ट्रपति के चुनाव नतीजे की घोषणा रिटर्निंग ऑफिसर के द्वारा की जाती है।

बहुमत में एनडीए; विपक्ष देगा टक्कर
जगदीप धनखड़ के द्वारा इस्तीफा दे दिए जाने के बाद लगातार नए उम्मीदवार को लेकर चर्चा चल रही है। संसद में वर्तमान में सरकार चला रही एनडीए के पास पूरी तरह से बहुमत मौजूद है लेकिन यह संभावना जताई जा रही है कि विपक्ष के द्वारा भी उपराष्ट्रपति के चुनाव में मजबूत उम्मीदवार मैदान में उतारा जाएगा। NDAके पास वर्तमान में लोकसभा में कुल 542 सदस्य मौजूद है। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन के पास 234 सदस्यों का समर्थन है।बात की जाए राज्यसभा की तो एनडीए के समर्थकों की संख्या 130 है जबकि इंडिया गठबंधन के समर्थक 79 है। राज्यसभा और लोकसभा दोनों को मिलाकर इंडिया गठबंधन के पास 313 सांसदों का समर्थन है जबकि एनडीए के पास 423 सांसद हैं। ऐसे में यह स्पष्ट है कि एनडीए के पास उपराष्ट्रपति चुनाव में बढ़त होगी लेकिन उलट फेर हो जाने की स्थिति में चुनाव का नतीजा प्रभावित हो सकता है।
उम्मीदवार को लेकर चल रही चर्चा
चुनाव आयोग के द्वारा उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कार्यक्रम जारी कर देने के बाद अब पक्ष और विपक्ष दोनों के द्वारा ही उम्मीदवार पद को लेकर चर्चा शुरू कर दी गई है। एनडीए की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के लिए थावरचंद गहलोत और ओम माथुर का नाम सबसे आगे चल रहा है। थावरचंद गहलोत वर्तमान में कर्नाटक के राज्यपाल पद पर कार्यरत हैं। दूसरी तरफ ओम माथुर सिक्किम में राज्यपाल के पद पर तैनात हैं। दूसरी तरफ यह संभावना जताई जा रही है कि इंडिया गठबंधन के द्वारा एक संयुक्त उम्मीदवार उतारा जा सकता है। चुनाव से पीछे हटने की बजाय इंडिया गठबंधन के द्वारा एनडीए को कड़ी टक्कर देने की कोशिश की जाएगी।