Vice President Election 2025 की घोषणा हो गई है। नामांकन 21 अगस्त तक और वोटिंग 9 सितंबर को होगी। NDA और विपक्ष के बीच कड़ी टक्कर तय मानी जा रही है।

कौन होगा अगला उपराष्ट्रपति? थावरचंद गहलोत दौड़ में सबसे आगे!

Vice President Election : भारतीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के द्वारा अपने पद से इस्तीफा दे दिए जाने के बाद चुनाव आयोग के द्वारा नए उपराष्ट्रपति का चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी गई है। चुनाव आयोग के द्वारा अपनी तैयारी पूरी करने के बाद चुनाव का विस्तृत कार्यक्रम जारी किया जाएगा। इसी के साथ भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों के द्वारा उपराष्ट्रपति पद के लिए नए उम्मीदवार के चयन को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि फिलहाल नए उपराष्ट्रपति पद के लिए थावरचंद गहलोत का नाम सबसे आगे चल रहा है। थावरचंद गहलोत वर्तमान में कर्नाटक के राज्यपाल हैं। उनके अतिरिक्त और भी कई भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को उपराष्ट्रपति की दौड़ में माना जा रहा है। यह भी खबर मिल रही है कि विपक्ष के द्वारा भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों के समर्थन से उतारे जाने वाले उम्मीदवार के सामने अपना मजबूत उम्मीदवार पेश किया जाएगा जिससे चुनाव में चुनौती पेश की जा सके।

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थावरचंद गहलोत की चल रही चर्चा

जगदीप धनखड़ के इस्तीफा दे दिए जाने के बाद कई दिग्गज उपराष्ट्रपति की दौड़ में है लेकिन फिलहाल थावरचंद गहलोत को इसमें सबसे आगे माना जा रहा है। लगभग 77 वर्ष की उम्र के थावरचंद गहलोत 1980 में पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद लगातार वह राजनीति में सीढी चढ़ते रहे। थावरचंद गहलोत 1990 में मध्य प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव मध्य प्रदेश के शाहजहांपुर से 1996 में जीता था। 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में थावरचंद गहलोत के द्वारा चौथी बार जीत दर्ज की गई थी। इसके बाद वह राज्यसभा सांसद चुने गए।

थावरचंद गहलोत को 2014 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारी मंत्री बनाया गया। फिलहाल थावरचंद गहलोत 2021 से लगातार कर्नाटक के राज्यपाल पद पर कार्य कर रहे हैं और यह संभावना जताई जा रही है कि जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद उन्हें उपराष्ट्रपति बनाया जा सकता है। राज्यसभा में सदन के नेता रह चुके थावरचंद गहलोत के लिए जातीय समीकरण भी अनुकूल दिखाई दे रहे हैं। प्रशासनिक अनुभव होने और दलित समुदाय से आने के कारण उनकी संभावना उपराष्ट्रपति पद के लिए काफी बढ़ गई है।

राजस्थान के ओम माथुर भी दौड़ में

थावरचंद गहलोत के अतिरिक्त भारतीय जनता पार्टी में दूसरे नेताओं को लेकर भी चर्चा है जिनमें से एक हैं ओम माथुर। ओम माथुर फिलहाल सिक्किम में राज्यपाल के पद पर कार्य कर रहे हैं। उनका जन्म 2 जनवरी 1952 को हुआ था जिसके बाद लगातार भारतीय जनता पार्टी के लिए कार्य कर रहे हैं। 2002 में भाजपा के केंद्रीय प्रभारी रह चुके ओम माथुर 2024 से सिक्किम के राज्यपाल का पद संभाल रहे हैं। ओम माथुर को भारतीय जनता पार्टी के सर्वोच्च नेता अमित शाह और नरेंद्र मोदी के नजदीक माना जाता है। गुजरात में चुनाव प्रभारी रहते हुए उन्होंने अच्छा कार्य किया था। इसके अतिरिक्त ओम माथुर संघ के साथ भी जुड़े हुए हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि ओम माथुर के नाम पर भी उपराष्ट्रपति पद को लेकर गंभीर चर्चा होगी।

Vice President Election को लेकर चुनाव आयोग ने तैयारी शुरू की, थावरचंद गहलोत और ओम माथुर जैसे नाम उपराष्ट्रपति पद की दौड़ में सबसे आगे।
Vice President Election को लेकर चुनाव आयोग ने तैयारी शुरू की, थावरचंद गहलोत और ओम माथुर जैसे नाम उपराष्ट्रपति पद की दौड़ में सबसे आगे।
दूसरे दलों में हरिवंश सबसे आगे

जगदीप धनखड़ के द्वारा अपने पद से इस्तीफा दे दिए जाने के बाद लगातार नए उपराष्ट्रपति नाम को लेकर चर्चा चल रही है। वैसे तो संभावना जताई जा रही है कि नए उपराष्ट्रपति पद को लेकर भारतीय जनता पार्टी के किसी प्रमुख नेता को मौका दिया जाएगा लेकिन यदि ऐसा नहीं होता है और भारतीय जनता पार्टी के अतिरिक्त किसी सहयोगी दल के नेता को उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए की तरफ से प्रत्याशी बनाया जाता है तो उनमें सबसे ऊपर हरिवंश नारायण सिंह का नाम है। हरिवंश नारायण सिंह फिलहाल राज्यसभा में उपसभापति हैं। पत्रकारिता से राजनीति तक का सफर तय करने वाले हरिवंश नारायण सिंह जेडीयू पार्टी से राज्यसभा सांसद हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी पर सहमति न बनने की स्थिति में हरिवंश नारायण सिंह को इस पद के लिए मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है।

 

विपक्षी मिलेगी मजबूत चुनौती

एनडीए से मिल रही जानकारी के मुताबिक उपराष्ट्रपति का पद खाली हो जाने के बाद विपक्ष भी उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर गंभीर नजर आ रहा है। यह चर्चा है कि आने वाले समय में होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की तरफ से भी किसी मजबूत उम्मीदवार को उतारा जाएगा। ऐसे में एनडीए इस उपराष्ट्रपति चुनाव को हल्के में लेने की भूल कभी नहीं करेगा। यही कारण है कि लगातार एनडीए उपराष्ट्रपति पद को लेकर उम्मीदवार पर मंथन कर रहा है। आने वाले कुछ दिनों में यह स्पष्ट हो पाएगा कि जगदीश धनकड़ के द्वारा इस्तीफा दे दिए जाने के बाद उनकी जगह कौन ग्रहण करेगा।

 

चुनाव आयोग ने शुरू की तैयारी

भारतीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद नए उपराष्ट्रपति को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। विपक्ष लगातार भारतीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफा को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव का आरोप लगा रही है तो वहीं दूसरी तरफ यह संभावना जताई जा रही है कि आगामी उपराष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए अगले 72 घंटे में शेड्यूल जारी किया जा सकता है। अगस्त महीने के अंत तक नया उपराष्ट्रपति देश को मिलने की संभावना जताई जा रही है। जगदीप धनखड़ के द्वारा 21 जुलाई को राज्यसभा की कार्रवाई में भाग लेने के बाद इस्तीफे की घोषणा की गई थी। चुनाव आयोग के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और जब चुनाव से संबंधित सभी तैयारी पूरी कर ली जाएगी तो चुनाव की आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी। जगदीप धनखड़ के द्वारा अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इस्तीफे की घोषणा करना चर्चा का विषय बना हुआ है।

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