Vice President Election : जगदीप धनखड़ के इस्तीफा दे दिए जाने के बाद लगातार एनडीए तथा भारतीय जनता पार्टी के द्वारा उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। भारतीय जनता पार्टी के सांसदों को आगामी समय में होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए ट्रेनिंग दी गई। भारतीय जनता की पार्टी की कार्यशाला में भारतीय जनता पार्टी के विभिन्न सांसदों ने हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री मोदी भी कार्यशाला में मौजूद रहे। जिस समय भारतीय जनता पार्टी के सांसदों की कार्यशाला आयोजित की जा रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे अंतिम पंक्ति में बैठकर ट्रेनिंग लेते हुए दिखाई दिए। भारतीय जनता पार्टी के सांसदों की कार्यशाला का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया पर सांसद रवि किशन ने लिखा भारतीय जनता पार्टी की यही ताकत है। यहा हर सदस्य एक कार्यकर्ता की तरह कार्य करता है।
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दो व्यक्ति नई विचारधाराओं के बीच हो मुकाबला -सुदर्शन
इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि मेरे और राधाकृष्णन के बीच के किसी तरह की कोई निजी लड़ाई नहीं है। मैं कभी भी राधाकृष्णन से व्यक्तिगत तौर पर मिला भी नहीं हूं। इसीलिए मैं यह चाहता हूं कि हमारे बीच होने वाली लड़ाई व्यक्तिगत लड़ाई होने के बजाय विचारधाराओं की लड़ाई हो। एनडीए की तरफ से उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार बनाए गए राधाकृष्ण आरएसएस के सदस्य हैं। मैं उनकी विचारधारा से सहमत नहीं हूं जिससे वह जुड़े हुए हैं। अमित शाह के बयान पर बोलते हुए सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि मैं उनसे इस मुद्दे पर बहस करना चाहता हूं। जिस फैसले का उनके द्वारा जिक्र किया गया वह फैसला मेरा नहीं था बल्कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला था। 40 पेज के इस फैसले को अमित शाह को पढ़ना चाहिए। यदि वह इसे पढ़ लेते तो ऐसी टिप्पणी नहीं करते।
आगामी समय में होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर एनडीए और इंडिया गठबंधन की तरफ से उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई है। जिसके बाद दोनों उम्मीदवारों के द्वारा नामांकन भी दाखिल कर दिया गया है। इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार पर बड़ा बयान देते हुए देश के गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें उग्रवाद का मददगार करार दिया है। उनका कहना है कि सुदर्शन रेड्डी के द्वारा नक्सलियों की मदद की गई थी। केरल में आयोजित एक न्यूज़ कॉन्क्लेव में उन्होंने यह बयान दिया। अमित शाह ने कहा कि सुदर्शन रेड्डी विपक्ष के प्रत्याशी हैं। यह वही उम्मीदवार हैं जिसके द्वारा वामपंथी उग्रवाद और नक्सलवाद को समर्थन दिया गया। केरल नक्सलवाद और उग्रवाद का दर्द झेल चुका है। ऐसे में केरल की जनता कांग्रेस के द्वारा चुने गए प्रत्याशी को जरूर देखेगी। इसी के साथ उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव को साउथ बनाम साउथ कहने पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति किसी क्षेत्र विशेष का नहीं होकर पूरे देश का होता है। किसी भी उम्मीदवार को किसी क्षेत्र में सीमित करना सही नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस रह चुके सुदर्शन रेड्डी
एनडीए के द्वारा उम्मीदवार घोषित करने के बाद अब इंडिया गठबंधन के द्वारा भी अपना उपराष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है। इंडिया गठबंधन की तरफ से सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया है। सुदर्शन रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व रिटायर्ड जस्टिस है। एनडीए और इंडिया गठबंधन के द्वारा उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित कर देने के बाद अब स्थिति स्पष्ट हो गई है। उपराष्ट्रपति पद के लिए सुदर्शन रेड्डी का मुकाबला एनडीए के उम्मीदवार राधाकृष्णन से होगा।
दक्षिण से दोनों उम्मीदवार
एनडीए और इंडिया गठबंधन के द्वारा उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित कर देने के बाद उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को लेकर स्थिति स्पष्ट हो गई है। दोनों तरफ से घोषित किए गए उम्मीदवार दक्षिण से हैं। राधाकृष्ण तमिलनाडु से आते हैं जबकि इंडिया गठबंधन के द्वारा घोषित किए गए सुदर्शन रेड्डी आंध्र प्रदेश से हैं। सुदर्शन रेड्डी गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहने के साथ-साथ गोवा के पहले लोकायुक्त भी रह चुके हैं। सुदर्शन रेड्डी को पहली बार सुप्रीम कोर्ट का जज 2007 में नियुक्त किया गया था।
राज्यपाल के पद पर मौजूद राधाकृष्णन
NDA की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाए गए राधाकृष्णन फिलहाल राज्यपाल के पद पर कार्यरत हैं। वह इस समय महाराष्ट्र में राज्यपाल के पद की भूमिका निभा रहे हैं। इससे पहले वह झारखंड के राज्यपाल भी रह चुके हैं। राधाकृष्णन ने इससे पहले तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाला था। उन्होंने यह अतिरिक्त कार्यभार मार्च से जुलाई 2024 के बीच संभाला था। राधाकृष्णन कोयंबटूर से दो बार लोकसभा के सांसद रह चुके हैं जबकि तमिलनाडु भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर भी राधाकृष्णन ने अहम भूमिका निभाई थी। जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिए जाने के बाद लगातार नए उपराष्ट्रपति उम्मीदवार की घोषणा को लेकर चर्चा चल रही है। भारतीय जनता पार्टी अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर मजबूत उम्मीदवार उतारने की कोशिश कर रही है जबकि दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन भी भाजपा को कड़ी टक्कर देने की कोशिश करेगा। भारतीय जनता पार्टी के अंदर चल रही आंतरिक खींचतान के कारण इंडिया गठबंधन को उपराष्ट्रपति चुनाव में मजबूती मिल सकती है। हाल ही में कांस्टीट्यूशन क्लब के चुनाव में भाजपा के राजीव प्रताप रूडी के द्वारा भारतीय जनता पार्टी के ही संजीव बालियान को हराने का असर भी उपराष्ट्रपति चुनाव पर देखा जा रहा है।

बहुमत में एनडीए; विपक्ष देगा टक्कर
जगदीप धनखड़ के द्वारा इस्तीफा दे दिए जाने के बाद लगातार नए उम्मीदवार को लेकर चर्चा चल रही है। संसद में वर्तमान में सरकार चला रही एनडीए के पास पूरी तरह से बहुमत मौजूद है लेकिन यह संभावना जताई जा रही है कि विपक्ष के द्वारा भी उपराष्ट्रपति के चुनाव में मजबूत उम्मीदवार मैदान में उतारा जाएगा। NDAके पास वर्तमान में लोकसभा में कुल 542 सदस्य मौजूद है। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन के पास 234 सदस्यों का समर्थन है।बात की जाए राज्यसभा की तो एनडीए के समर्थकों की संख्या 130 है जबकि इंडिया गठबंधन के समर्थक 79 है। राज्यसभा और लोकसभा दोनों को मिलाकर इंडिया गठबंधन के पास 313 सांसदों का समर्थन है जबकि एनडीए के पास 423 सांसद हैं। ऐसे में यह स्पष्ट है कि एनडीए के पास उपराष्ट्रपति चुनाव में बढ़त होगी लेकिन उलट फेर हो जाने की स्थिति में चुनाव का नतीजा प्रभावित हो सकता है।
9 सितंबर को होंगे चुनाव
उपराष्ट्रपति पद के लिए जगदीप धनखड़ के द्वारा इस्तीफा दिए जाने के कुछ समय पश्चात ही चुनाव आयोग के द्वारा कार्यक्रम जारी किया गया था। जारी किए गए चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक उपराष्ट्रपति पद के लिए 9 सितंबर को चुनाव होने हैं। 20 अगस्त को एनडीए उम्मीदवार के द्वारा नामांकन भरा जाएगा। इस दौरान 20 समर्थक और 20 प्रस्तावक सहित 160 सदस्यों के मौजूद रहने की संभावना जताई जा रही है। जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद चुनाव आयोग के द्वारा 1 अगस्त को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की गई थी।