Victory Day Parade में चीन ने हथियारों और सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया। शी जिनपिंग ने परेड की सलामी ली, रूस व भारत नेताओं की मौजूदगी रही।

विक्ट्री डे परेड पर चीन ने दिखाई ताकत; जिनपिंग बोले- लगातार आगे बढ़ते रहेंगे

Victory Day Parade : दूसरे विश्व युद्ध में जापान की हार के 80 साल पूरे के होने के उपलक्ष में चीन में विक्ट्री डे परेड का आयोजन किया गया। विक्ट्री डे परेड के माध्यम से चीन ने अपनी सैन्य ताकत का भरपूर प्रदर्शन किया। इस ताकत के माध्यम से वह दुनिया के दूसरे देशों को अवगत कराना चाह रहा था। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने परेड की सलामि ली। जिनपिंग के भाषण होने के बाद विक्ट्री डे परेड पर सैन्य परेड का आयोजन किया गया। इस दौरान चीन के राष्ट्रपति ने कहा कि वह किसी के द्वारा दी गई धमकियों से डरते नहीं है बल्कि हमेशा आगे बढ़ते रहते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की जापान के खिलाफ लड़ने वाले लोगों को आने वाले समय में सम्मान दिया जाएगा लेकिन इतिहास को याद रखना होगा।

हथियारों का किया गया प्रदर्शन

चीन में आयोजित विक्ट्री डे परेड के दौरान चीन के द्वारा बड़े स्तर पर अपने अत्याधुनिक हथियारों का प्रदर्शन किया गया। जिनपिंग के भाषण के बाद परेड की शुरुआत की गई। इस दौरान विभिन्न देशों के प्रमुख नेता मौजूद रहे जिनमें रूस के राष्ट्रपति पुतिन उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग पाकिस्तान के प्रधानमंत्री समेत के नेता शामिल है। विक्ट्री डे परेड में 100 से भी अधिक विमान सैकड़ो तरह के हथियार और लगभग 50 सैनिक टुकड़ियों के द्वारा हिस्सा लिया गया। चीन के द्वारा आयोजित की गई इस सैन्य परेड को अब तक की सबसे बड़ी सैन्य परेड माना जा रहा है। लगभग 25 देशो के नेता इस दौरान दिखाई दिए। चीन के द्वारा अमेरिका तक प्रहार करने में सक्षम मिसाइल का भी प्रदर्शन किया गया।

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1945 में जापान ने स्वीकार की हार

1937 में जापान और चीन के बीच लड़ाई शुरू हो गई थी। इस लड़ाई में जापान के द्वारा चीन के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया गया था। जापानी सेना लगातार चीन में अत्याचार कर रही थी। इसमें बड़ी मात्रा में लोगों की जान चली गई थी। द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत 1939 में हुई थी लेकिन इस जापान और चीन की लड़ाई को भी द्वितीय विश्व युद्ध से जोड़कर माना जाता है। जापान के द्वारा चीन पर हमला करने के बाद अमेरिका ने बड़ी मात्रा में न्यूक्लियर हमले किए। इसके बाद 15 अगस्त 1945 को जापान के द्वारा समर्पण कर दिया गया। औपचारिक तौर पर 2 सितंबर 1945 को जापान ने हार स्वीकार कर ली थी। जापान के द्वारा हार स्वीकार करने के बाद चीन अब इस हार को अपनी जीत के तौर पर पेश करता रहा है। यह भी चर्चा है कि चीन के द्वारा खुद की और सोवियत यूनियन की युद्ध में प्रशंसा की जाती है जबकि पश्चिमी देशों के साथ-साथ अमेरिका की भूमिका को लेकर कभी चर्चा नहीं की गई।

परेड के जरिए ताकत दिखाएगा चीन

आयोजित होने वाली विक्ट्री डे परेड में चीन अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगा। इसके लिए वह मिलिट्री पावर तथा ग्लोबल स्तर पर बड़ा प्रदर्शन करेगा। लगभग 100 से भी ज्यादा लड़ाकू विमान की मौजूदगी में हजारों सैनिक इस विक्ट्री डे परेड में आयोजित होंगे। मॉडर्न हथियारों की प्रदर्शनी भी चीन के द्वारा की जाएगी। चीन का लंबे समय से ताइवान तथा पश्चिमी देशों से तनाव चल रहा है। ऐसे में वह पश्चिमी देशों के साथ-साथ ताइवान को चेतावनी देने की भी कोशिश करेगा। चीन हर स्थिति में युद्ध के लिए तैयार । अतिरिक्त उत्तर कोरिया चीन ईरान और रूस के संबंधों को मजबूत करने की कोशिश भी इस परेड के द्वारा की जाएगी। चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग का यह लंबे समय से मानना रहा है कि पश्चिमी देशों की तुलना में अब दुनिया को विभिन्न पश्चिमी देशों की अनुपस्थिति में नया संगठन तैयार करना चाहिए जिसका नेतृत्व चीन के द्वारा किया जाए।

Victory Day Parade में चीन ने हथियारों और सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया। शी जिनपिंग ने परेड की सलामी ली, रूस व भारत नेताओं की मौजूदगी रही।
Victory Day Parade में चीन ने हथियारों और सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया। शी जिनपिंग ने परेड की सलामी ली, रूस व भारत नेताओं की मौजूदगी रही।
SCO में छायी रूस भारत और चीन की जुगलबंदी

चीन में आयोजित हो रहे शंघाई सहयोग संगठन में रोचक नजारा देखने को मिल रहा है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। लंबे समय बाद भारतीय प्रधानमंत्री के द्वारा चीन का दौरा किया गया है। गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच संघर्ष होने के बाद मोदी का यह पहला चीन द्वारा है। जिनपिंग से मुलाकात के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से भी मुलाकात की। रूस के राष्ट्रपति पुतिन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग को एक साथ चर्चा करते हुए देखा गया। चीन रूस तथा भारत की जुगलबंदी की चर्चा चारों तरफ हो रही है। अमेरिका से चल रही तनातनी के बीच अब इन तीनों देशों के आपसी संबंधों को लेकर नज़रें टिकी हुई है। तीनों नेताओं ने एक साथ चर्चा करने के साथ-साथ द्विपक्षीय चर्चा भी की। डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ तीनों देशों की एकता को अलग दृष्टि से देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि अमेरिका के सामने भविष्य में विकल्प के तौर पर संगठन खड़ा किया जा सकता है।

पुतिन और मोदी ने 1 घंटे तक की कार में बातचीत

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन के बीच शंघाई सहयोग संगठन के दौरान महत्वपूर्ण चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने एक ही गाड़ी में बैठकर लगभग 1 घंटे तक सीक्रेट बातचीत की। पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन एक ही गाड़ी में बैठकर होटल पहुंचे थे। होटल पहुंचने के बावजूद वह गाड़ी में बैठकर चर्चा करते हुए नजर आए। सभी नेताओं के साथ फोटो सेशन होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी पुतिन और जिनपिंग को एक साथ देखा गया। तीनों नेता एक साथ सत्र को संबोधित करने के लिए भी पहुंचे। रूस के राष्ट्रपति पुतिन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अच्छी बॉन्डिंग देखने को मिली। जिस समय पुतिन, जिनपिंग और मोदी की मुलाकात चल रही थी उस समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री एक टक होकर इन्हें देख रहे थे।

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