Virat Kohli Wimbledon : दिग्गज भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली अपनी पत्नी सहित विंबलडन मैच देखने पहुंचे। इस दौरान विराट कोहली ने बातचीत करते हुए कहा कि टेनिस खिलाड़ी लगातार दबाव में खेलते हैं। उन्होंने कहा कि टेनिस खिलाड़ियों पर उतना ही दबाव रहता है जितना की क्रिकेट में वर्ल्ड कप नॉकआउट मुकाबले में टीम पर रहता है। टेनिस खिलाड़ियों के मानसिक ताकत की तारीफ करते हुए विराट कोहली ने कहा कि वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ अथवा नॉकआउट मुकाबले जैसा दबाव टेनिस खिलाड़ी हर मुकाबले में सहन करते हैं। विराट कोहली के द्वारा यह बातचीत पूर्व भारतीय टेनिस खिलाड़ी विजय अमृतराज से हुई बातचीत में बताई गई।
सेमी फाइनल, फाइनल में कांप जाते हैं पैर -कोहली
विराट कोहली ने मानसिक दबाव पर बातचीत करते हुए कहा कि वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ या फिर सेमीफाइनल और फाइनल जैसे मुकाबले में खिलाड़ियों पर बहुत ज्यादा मानसिक दबाव होता है। ऐसे मैचों में स्थिति यह होती है कि खिलाड़ियों के पैरों में कंपन होने लगता है। टेनिस खिलाड़ियों पर मानसिक तनाव और भी ज्यादा होता है। टेनिस खिलाड़ियों को सिर्फ एक या दो मैच में नहीं बल्कि हर मैच में ऐसा मानसिक दबाव झेलना पड़ता है। टेनिस खिलाड़ियों की न सिर्फ फिटनेस मजबूत होती है बल्कि उनकी मानसिक मजबूती भी वास्तव में काबिले तारीफ होती है। क्रिकेटर जिस तरह भारत और पाकिस्तान के मुकाबले में बहुत ज्यादा मानसिक दबाव सहन करते हैं। उसी तरह टेनिस स्टार प्रत्येक मुकाबले में यह दबाव सहन करने की क्षमता रखते हैं।
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टेनिस में होता है वापसी का मौका -कोहली
विराट कोहली ने टेनिस और क्रिकेट दोनों में तुलना पर बातचीत करते हुए कहा कि दोनों ही खेलों के अलग-अलग chalenge हैं। टेनिस में आपको पता है कि आपका मैच किस समय है और आपको कब कोर्ट पर उतर कर मैच खेलना है जबकि क्रिकेट के लिए कभी-कभी आपको बहुत लंबा इंतजार करना पड़ता है। बल्लेबाजी तथा गेंदबाजी के लिए बल्लेबाज तथा गेंदबाज को कई बार लंबा इंतजार करना पड़ जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि क्रिकेट में एक गलती हो जाने पर पूरा मैच हाथ से निकल जाता है लेकिन टेनिस मैच में हमेशा खिलाड़ी के पास वापसी का मौका बना रहता है। बल्लेबाजी में बल्लेबाज से एक बार गलती हो जाने पर वह दर्शकों के बराबर हो जाता है और पूरे मैच में सिर्फ ताली बजाने का कार्य करता है लेकिन टेनिस खिलाड़ी एक दो गलती हो जाने के बाद भी अपना मैच जीतने में सक्षम होते हैं।

क्रिकेट स्टेडियम से ज्यादा दबाव सेंटर कोर्ट में गोली
विंबलडन देखने पहुंचे विराट कोहली ने बताया कि क्रिकेट स्टेडियम से ज्यादा दबाव वाला माहौल सेंटर कोर्ट पर होता है क्योंकि सेंटर कोर्ट में दर्शक बहुत ज्यादा पास में बैठे होते हैं जबकि क्रिकेट स्टेडियम में दर्शको और खिलाड़ियों के बीच काफी दूरी होती है। बल्लेबाजी करते समय दर्सक और खिलाड़ियों के बीच पर्याप्त दूरी होती है। इसलिए हम अपनी ही दुनिया में चल रहे होते हैं लेकिन सेंटर कोर्ट और दर्शकों के बीच कम दूरी होने के कारण दबाव ज्यादा महसूस होता है। विराट कोहली अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ विंबलडन देखने पहुंचे हैं। इससे पहले विराट कोहली 2015 में भी विंबलडन मैच देखने पहुंचे थे।
कोहली बोले नोवाक जीते खिताब
विंबलडन देखने पहुंचे विराट कोहली से जब उनके फेवरेट खिलाड़ी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह लगातार नोवाक जोकोविच के संपर्क में बने रहते हैं और मैं चाहता हूं कि 25 va ग्रैंड स्लैम जीत कर नोवाक जोकोविच इस बार भी चैंपियन बने। मेरा सपना है कि कार्लोस अलकारेंज और जोकोविच में फाइनल हो। दोनों के बीच होने वाले फाइनल में जोकोविच खिताब जीते। कोहली का मानना है कि ग्रेटेस्ट आफ ऑल टाइम में डिजर्व करने वाले अलकारेंज और जोकोविच इस समय बाकी दूसरे खिलाड़ियों से बहुत आगे हैं।
टेस्ट क्रिकेट से ले चुके कोहली सन्यास
पत्नी सहित विंबलडन देखने पहुंचे विराट कोहली टीम इंडिया की तरफ से अंतरराष्ट्रीय करियर में T20 तथा टेस्ट फॉरमैट से संन्यास ले चुके हैं। यदि विराट कोहली के द्वारा टेस्ट फॉरमैट से संन्यास नहीं लिया जाता तो वह इस समय इंग्लैंड में टीम के साथ होते और इंग्लैंड के खिलाफ मुकाबले खेल रहे होते। विराट कोहली, रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन जैसे दिग्गजों के संन्यास लेने के बाद युवा टीम को इंग्लैंड भेजा गया था। इन सीनियर खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में भी भारतीय टीम के द्वारा टेस्ट मुकाबले में शानदार प्रदर्शन किया जा रहा है। विराट कोहली के द्वारा टेस्ट और T20 फॉर्मेट से भले ही संन्यास ले लिया गया हो लेकिन वनडे फॉर्मेट में अभी भी टीम इंडिया की तरफ से विराट कोहली खेलते हुए नजर आएंगे। यह उम्मीद जताई जा रही है कि विराट कोहली अगले वर्ल्ड कप तक टीम इंडिया के लिए वनडे फॉर्मेट खेलते रहे।