Yuvraj Singh Sister : भारतीय पूर्व दिग्गज क्रिकेटर युवराज सिंह ने क्रिकेट के क्षेत्र में नाम कमाया था। अब उनके रिटायर हो जाने के बाद उनकी बहन को भारतीय टीम में शामिल किया गया है। युवराज सिंह की बहन को क्रिकेट में नहीं बल्कि पैडल टीम में भारतीय टीम हेतु चुना गया है। आगामी समय में होने वाले एशिया पेसिफिक पैडल कप में युवराज सिंह की बहन भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए दिखाई देंगी। मलेशिया के कुआलालंपुर में होने वाले इस पैडल कप को लेकर युवराज सिंह के परिवार में उत्साह देखा जा रहा है। मलेशिया में होने वाले टूर्नामेंट में वैसे तो कई दिग्गज खिलाड़ी हिस्सा लेंगे लेकिन युवराज सिंह की बहन के भारतीय टीम में सेलेक्ट होने के बाद इसे और खास बना दिया है। युवराज सिंह की बहन अमरजोत कौर को भारतीय टीम में शामिल किया गया है।
एमि ने बताया करियर का सबसे बड़ा मंच
युवराज सिंह की बहन अमरजोत कौर उर्फ एमी बुन्देल ने 2025 में मलेशिया में होने वाले पैडल कप के लिए खुद को भारतीय टीम में चुने जाने के बाद प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि यह पल जल्द ही आने वाला है। उनके पैडल करियर का सबसे बड़ा मंच जल्द ही उनके सामने होगा। अगस्त 2025 में भारतीय टीम एशिया पेसिफिक पैडल कप में हिस्सा लेंगी। टीम इंडिया के चयन में नए और अनुभवी खिलाड़ियों का मिश्रण रखा गया है। टीम इंडिया इसी संतुलन के साथ टूर्नामेंट में उतरेगी। टीम इंडिया में शामिल किए गए खिलाड़ियों को रणनीतिक स्मेश तेज और शानदार सर्व के लिए जाना जाता है। एशिया प्रशांत के सबसे बड़े पैडल इवेंट में भारतीय टीम के प्रदर्शन पर सभी की निगाह टिकी हुई है। इसका आयोजन अगस्त में होगा जिसमें शीर्ष टीमों के द्वारा हिस्सा लिया जाएगा।
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युवराज सिंह के फैन का मिल रहा अमरजोत को समर्थन
भारतीय पैडल टीम में सेलेक्ट हो जाने के बाद अमनजोत कौर को बड़े स्तर पर समर्थन मिल रहा है। पर्सनल फैन फॉलोइंग होने के साथ-साथ युवराज सिंह के फैन भी अमरजोत को सपोर्ट करते हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में अमरजोत कौर की कोशिश भी भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर गौरवान्वित करने के साथ-साथ अपनी ताकत और रणनीति का प्रदर्शन करने पर होगी। अमनजोत कौर और पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह की सौतेली बहन है। युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह की दूसरी पत्नी की बेटी अमरजोत कौर है। उनकी माता पंजाबी अभिनेत्री नीना बुन्देलहैं। अमरजोत वर्तमान में चंडीगढ़ में रहते हुए टेनिस के क्षेत्र में अपना करियर बनाने की कोशिश कर रही है। अमरजोत कौर के परिवार में युवराज सिंह के अतिरिक्त जोरावर सिंह और सगे भाई विक्टर सिंह शामिल हैं।
सोशल मीडिया पर सक्रिय है अमरजोत
युवराज सिंह की सौतेली बहन अमरजोत कौर अपनी मां की तरह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं। सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने के कारण इंस्टाग्राम पर उनके 30000 से भी अधिक फॉलोअर्स मौजूद हैं। अमरजोत कौर खेल के प्रति जुनून और डिजिटल दुनिया में बढ़ती पहचान के कारण लगातार एक उभरती हुई शख्सियत बन रही है।

टेनिस और स्क्वैश का मिला-जुला रूप है पैडल
युवराज सिंह की सौतेली बहन अमरजोत कौर को पैडल कप हेतु भारतीय टीम में चुन लिया गया है। पैडल कप टेनिस और स्क्वैश का मिला जुला रूप है। इस खेल को मुख्य रूप से डबल्स फॉर्मेट में खेला जाता है। लगभग 20 मीटर लंबे और 10 मीटर चौड़े कोर्ट पर इसे खेला जाता है। इसका कोर्ट टेनिस कोर्ट की तुलना में छोटा होता है। पैडल कोर्ट को चारों तरफ से जाली की दीवारों में कांच से घेरा जाता है। इन दीवारों से टकराकर गेंद लगातार खेल में बनी रहती है। कोर्ट की भांति इस खेल में इस्तेमाल होने वाला रैकेट भी टेनिस रैकेट की तुलना में काफी छोटा होता है। इसका रैकेट बिना स्ट्रिंग का होता है जिसमें छेद बने होते हैं। दूसरी तरफ गेंद टेनिस बॉल के जैसी ही होती है टेनिस बॉल की तुलना में इस गेंद पर दबाव थोड़ा कम होता है। इसी कारण तेज खेलने के बावजूद कंट्रोल में रहता है।
क्रिकेट में नाम कमा चुके युवराज सिंह
युवराज सिंह अपनी बहन के पैडल कप में चुने जाने के बाद एक बार फिर चर्चा में है। युवराज सिंह को पूर्व भारतीय क्रिकेटरों में सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। युवराज सिंह अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के साथ-साथ गेंदबाजी और फील्डिंग के लिए भी जाने जाते थे। युवराज सिंह के द्वारा किए गए बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर भारतीय टीम 2011 में वनडे वर्ल्ड कप जीतने में सफल रही थी। युवराज सिंह के द्वारा इंग्लैंड के खिलाफ एक ओवर में छह गेंद पर छह छक्के लगाने का रिकॉर्ड बनाया गया था। उनकी बल्लेबाजी की कला को हर किसी के द्वारा पसंद किया जाता था। क्रिकेट करियर के दौरान ही उन्हें कैंसर हो गया था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानते हुए कैंसर को हराया। कैंसर का इलाज हो जाने के बाद युवराज सिंह ने एक बार फिर क्रिकेट में वापसी की थी लेकिन इसके बाद वह अपना करियर लंबा नहीं खींच सके।